राजस्थानी मांडने से होगा 300 फीट लम्बे श्रीराम धनुष कोदंड का चित्रांकन

पुष्कर/अजमेर। 500 साल के संघर्ष के बाद अयोध्या में श्रीराम लला का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। आगामी 22 जनवरी को रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

सात दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा को संपूर्ण भारत में धूमधाम से बनाया जा रहा है। सभी राम भक्त अपनी ओर से अपने सामर्थ के अनुसार इस मौके को विशेष बना रहे हैं। लोक कला संस्थान के आठ राजस्थानी मांडणा कलाकार भी इस कड़ी में एक मोती पिरोने जा रहे हैं।

संस्थान की ओर से विश्व प्रसिद्ध पवित्र पुष्कर सरोवर के ग्वालियर घाट पर 17 जनवरी को दोपहर 3 बजे 300 फीट लंबा श्रीराम धनुष कोदंड लोक कला मांडना से बनाएंगे। भारतवर्ष में पहली बार लोक कला द्वारा इतना विशाल श्रीराम का धनुष बनाया जा रहा है। इसे बनाने के लिए प्राकृतिक गेरू पांडू एवं पेवडी रंगों का उपयोग किया जाएगा। शाम 6 बजे दीपदान के पश्चात इसे विसर्जित कर दिया जाएगा।

श्रीराम के धनुष का नाम

भगवान राम के धनुष का नाम कोदंड था। ये बहुत प्रसिद्ध धनुष था इसीलिए श्रीराम को कोदंड भी कहा जाता है। ‘कोदंड’ का अर्थ होता है बांस से बना हुआ। कोदंड एक चमत्कारिक धनुष था जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता था। इसे तरह तरह से अभिमंत्रित किया गया था।

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