बीड। महाराष्ट्र में बीड की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग पुत्री के साथ दुराचार करने के जुर्म में सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जिला लोक अभियोजक अजय राख ने रविवार को इसकी पुष्टि की। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएस घोरपड़े ने 14 नवंबर को यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने शिरूर तालुका निवासी आरोपी पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 अगस्त 2024 को रात आठ बजे पीड़िता खाना खाकर घर पर बैठी थी तभी नशे में धुत आरोपी उसके साथ मारपीट करने लगा जिसके बाद में वह पड़ोस में चली गई। वह उसे घर वापिस ले आया और जब वह सो रही थी तो उसने कथित तौर पर उसका उत्पीड़न किया। जब उसने विरोध किया तो उसने उसके साथ मारपीट की, जिससे घबराकर लड़की घर भाग गई।
अगले दिन पीड़िता ने जब घर में सोने से इनकार कर दिया तो उसकी पिटाई की गई और इससे तंग आकर लड़की ने शिरुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उपनिरीक्षक धनंजय कुलकर्णी ने मामले की जांच कर आरोप पत्र दाखिल किया।
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए छह गवाहों की जांच की। अदालत ने पीड़िता और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही, जिला लोक अभियोजक अजय राख के मार्गदर्शन में सहायक लोक अभियोजक एडवोकेट एबी तिड़के द्वारा प्रस्तुत तर्कों को स्वीकार कर लिया।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एसएस घोरपड़े ने करते हुए उस राक्षस पिता को सात वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई।



