मुंबई। महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस ने इस बात से इंकार किया है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर एवं सेलिब्रिटी मैनेजर दिशा सालियान के साथ 2020 में बलात्कार हुआ था या उसकी हत्या की गई थी जब उद्धव ठाकरे सरकार सत्ता में थी।
पुलिस अपने पांच साल पुराने रुख पर कायम है जिसे शिवसेना (उद्धव गुट) विधायक आदित्य ठाकरे के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। दिशा के पिता ने बंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) या सीबीआई द्वारा कराने के लिए अदालत से मंजूरी मांगी थी। इस याचिका में जूनियर ठाकरे और एक पूर्व शहर पुलिस आयुक्त सहित अन्य लोगों की संलिप्तता होने और राजनीतिक दबाव का आरोप लगाया गया था।
याचिका के जवाब में मालवणी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक शैलेंद्र नागरकर ने बुधवार को एक हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया कि जांच को सीबीआई को सौंपने और कथित अपराध की फिर से जांच करने के लिए नियुक्त एसआईटी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
नागरकर ने विस्तार से ये जानकारी दी है कि उस रात को क्या हुआ था जब दिशा का शव मिला था। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट निर्णायक प्रकृति की थी और इसमें यौन और शारीरिक हमले के कोई संकेत नहीं था। चूंकि जांच के बारे में सवाल उठाए गए थे, इसलिए सरकार ने एक एसआईटी नियुक्त की थी जिसने पहले की जांच के निष्कर्षों का समर्थन किया था।
नागरकर ने कहा कि रीजेंट गैलेक्सी बिल्डिंग के परिसर में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर छह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। 4 जून, 2020 से 9 जून के बीच की अवधि के सभी सीसीटीवी फुटेज को ध्यान से देखा गया। कुछ भी संदिग्ध या आपत्तिजनक नहीं देखा गया।
फुटेज में तथ्य गवाहों के बयान के अनुरूप थे। हलफनामे में कहा गया है, “उस रात मौजूद सभी लोगों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड को ध्यान से देखा गया। हालांकि, कोई भी संदिग्ध या आपत्तिजनक कॉल नहीं मिली।
सालियान के पिता ने अपनी याचिका में दावा किया कि दिशा की मौत आकस्मिक नहीं थी, बल्कि एक क्रूर बलात्कार और हत्या थी, जिसे कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों को बचाने के लिए राजनीतिक रूप से अंजाम दिया गया था। दिशा (28) की मौत 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत की बांद्रा स्थित उसके आवास पर मौत से छह दिन पहले यानि 8 जून, 2020 को उपनगरीय मलाड में एक आवासीय इमारत की 14वीं मंजिल से गिरने से हुई थी।
राज्य के हलफनामे पर प्रतिक्रिया देते हुए, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के नेता रोहित पवार ने मामले में राजनीतिक लाभ लेने के लिए भाजपा को दोषी ठहराया। रोहित पवार ने कहा कि आदित्य ठाकरे का इस घटना से कोई संबंध नहीं था। भाजपा और उसके सहयोगियों ने दिशा सालियान का नाम आदित्य ठाकरे के साथ जोड़कर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास किया… राजनीतिक लाभ के लिए, इन नेताओं ने एक ऐसे व्यक्ति के नाम का उपयोग करने का प्रयास किया जो अब जीवित नहीं है।