अजमेर जिले की प्रभारी सचिव अपर्णा अरोड़ा ने ली समीक्षा बैठक

अजमेर। जिले की प्रभारी सचिव तथा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा गुरूवार को अजमेर के दौरे पर रहीं। उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। साथ ही विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण किया। कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने विभागीय कार्यों तथा कार्यालयों की प्रगति से अवगत कराया।

प्रभारी सचिव अपर्णा अरोड़ा ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता आमजन को पानी, बिजली तथा स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इसे केन्द्र में रखकर समस्त विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू एवं तापघात की अतिरिक्त उपचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। चिकित्सालयों में गर्मी के मरीजों के लिए पलंग आरक्षित होने चाहिए। तापघात के उपचार के लिए नर्सिंग कर्मियों को भी जागरूक करें। मानसून के दौरान होने वाली मौसमी बीमारियों के उपचार की पूर्व तैयार सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा चिकित्सालयों सहित समस्त सार्वजनिक स्थलों के लिए पर्याप्त जलापूर्ति की जाए। पेयजल को संवेदनशीलता के साथ वितरित किया जाए। पानी जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। इसे गंभीरता से प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाएं। विभाग की समर कन्टिन्जेन्सी राशि की भी समीक्षा की गई। पेयजल परिवहन आवश्यकता वाले स्थानों पर तत्काल करें। क्षेत्र में हैडपम्प मरम्मत का कार्य लगातार जारी रखें।

उन्होंने कहा कि बिजली की छीजत को कम करें। गर्मी के कारण बढ़े हुए विद्युत भार के अनुसार विद्युत तंत्र को अपडेट रखें। झूलते तारों को ठीक करने में जिला प्रशासन द्वारा किए गए नवाचार की सराहना की गई। विद्युत विभाग, राजस्व विभाग तथा आमजन के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जिले के समस्त स्थानों पर से झूलते तारों को ठीक करने का कार्य किया जा रहा है। विद्युत नियंत्रण कक्ष का कार्य सभी को संतुष्टि प्रदान करने वाला हो।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा मानसून से पहले सड़कों के पेचवर्क तथा मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। इससे जनता को सुविधा मिलेगी। डूब क्षेत्र में पानी भराव की समस्या के निस्तारण के लिए प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर रखें। कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए पर्याप्त तथा उच्च गुणवत्ता के कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। बुवाई के समय पर्याप्त बीज तथा खाद उपलब्ध रखें। स्थानीय प्रशासन द्वारा शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े भवनों पर रेन वाटर हार्वेसिंग संरचना लगाई जाए।

उन्होंने कहा कि वन विभाग को वन क्षेत्र के बाहर पौधारोपण करने के लिए अन्य विभागों के साथ कन्वर्जेन्स करना चाहिए। राजकीय भूमि में अधिकतम पौधारोपण करें। हरित राजस्थान की अवधारणा में अजमेर जिले का सर्वाधिक योगदान रहना चाहिए। जिला परिषद द्वारा नरेगा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पौधारोपण किया जाए। चारागाहों का पौधारोपण के लिए चिन्हीकरण करें। विभिन्न पौधारोपण स्थलों की तैयारी पूर्व में कर लें। गड्डे तथा सुरक्षा का कार्य पहले करें।

वन महोत्सव के लिए स्थान का चयन कर व्यवस्थाएं करनी आरम्भ कर दें। फलदार तथा बड़े पेड़ों को अधिक तैयार किया जाए। सड़कों के समानान्तर पौधारोपण नरेगा से करवाया जाए। वन क्षेत्र में अतिक्रमण रोकें। पूर्व के विकसित पौधारोपण स्थलों की सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायत को सुपुर्द किया जाए। नगर वन योजना से शहरी क्षेत्र के निकटवर्ती भागों को लाभान्वित करें।

इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना, मुख्य वन संरक्षक शारदा प्रताप सिंह, प्रशिक्षु आईएएस महिमा कसाना, प्रशिक्षु आईएफएस वैंकटेश, अतिरिक्त कलक्टर लोकश कुमार गौतम, गजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं ज्योति ककवानी तथा उप वन संरक्षक सुगना राम जाट उपस्थित रहें।

विभिन्न स्थानों पर किया निरीक्षण

प्रभारी सचिव अपर्णा अरोड़ा ने अजमेर प्रवास के दौरान विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण किया। उनके साथ कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित भी थीं। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित विभिन्न शाखाओं तथा कार्यालयों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश प्रदान किए। सामान्य शाखा, विकास शाखा, न्याय शाखा, संस्थापन शाखा, आरटीआई शाखा, राजस्व शाखा, भू-रिकॉर्ड शाखा, कोषालय, जिला अभिलेखालय, उपखण्ड अधिकारी कार्यालय तथा अतिरिक्त कलक्टर कार्यालय का निरीक्षण किया।

उन्होंने कहा कि ई-फाईलिंग के फाईल निस्तारण समय को कम किया जाए। फाईल के विभिन्न स्तरों पर फाईल निस्तारण समय की अलग-अलग समीक्षा करें। भू-संपरिवर्तन की पेंडेन्सी नहीं रखें। भूमि आवंटन के प्रकरणों को शीघ्रता से निस्तारित करें। पुराने रिकॉर्ड व्यवस्थित पाए गए। कोषालय में बिलों की आपत्तियां समय पर पूरी करवाने के निर्देश दिए। बिलों की पेण्डेन्सी नहीं रखें।

अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त नित्या के. ने प्राधिकरण के कार्यों की जानकारी दी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पैरामीटर्स नियमित जांचने के निर्देश दिए। आनासागर के ऑक्सीजन लेवल पर बराबर नजर बनाए रखें। जलकुंभी के कारण जलीय जन्तुओं को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। दस्तावेजों के स्कैनिंग कार्य का भी अवलोकन किया गया। इस कार्य की सराहना की गई। रिकॉर्ड रूम तथा नियोजन शाखा का कार्य भी देखा। प्राप्त शिकायतों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। नियमन के कार्य को आचार संहिता के पश्चात तेज गति से किया जाए।

नगर निगम के निरीक्षण के दौरान आयुक्त देशल दान साथ रहे। ई-फाईलिंग सिस्टम में इनबॉक्स की पेंडेन्सी देखी। विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण किया। नगर निगम के अधिकारी सफाई का प्रतिदिन सुबह मौका निरीक्षण करेंगे। नालों की सफाई का कार्य मानसून से पहले पूर्ण करें। नालों की सफाई का मलबा सूखते ही हटाना सुनिश्चित किया जाए। शिकायतों के निस्तारण के लिए समेकित हेल्पलाईन स्थापित की जाए।

अरोड़ा ने वन विभाग की सोमलपुर नर्सरी का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय मुख्य वन संरक्षक शारदा प्रताप सिंह, प्रशिक्षु आईएफएस वैंकटेश एवं उप वन संरक्षक सुगना राम जाट ने मानसून से पूर्व की गई तैयारियों से अवगत कराया। नर्सरी में तैयार पौधों को ऑनलाईन उपलब्ध कराने के लिए क्यू आर कोड जैसी व्यवस्था विकसित करने के निर्देश प्रदान किए। यहां मदर बेड में पौध तैयार करने की प्रक्रिया भी देखी। नर्सरी में कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षण करवाया जाए। नर्सरी परिसर में पौधारोपण भी किया गया।