जैन मुनि की हत्या के विरोध में अजमेर में जैन समाज ने बंद रखे प्रतिष्ठान

अजमेर। कर्नाटक के बेलगावं चिकौड़ी में दिगम्बर जैनाचार्य कामकुमार नंदी महाराज की हत्या से आक्रोशित सकल जैन समाज के राजस्थान बंद आवाह्न के तहत आज अजमेर शहर सहित जिले के अनेक स्थानों पर व्यापारिक बंद रहा।

अजमेर में दिगम्बर एवं श्वेतांबर जैन समाज ने संयुक्तरुप से दौलतबाग के सामने छोटे धड़े की जैन नसियांजी से मौन जुलूस निकाला। समाज के सैकड़ों महिला-पुरूष, बच्चे हाथों में जैनध्वज पताकाएं, मांग सम्बन्धित पट्टिकाएं, बैनर लिए चल रहे थे। मौन जुलूस में जैन समाज के लोग हाथों में कालीपट्टी बांध कर चल रहे थे। जुलूस शहर के विभिन्न बाजारों से होता हुआ नयाबाजार चौपड़ पहुंचा, जहां जन आक्रोश सभा का आयोजन किया गया।

जन आक्रोश सभा में दिगम्बर जैन मुनि आचार्य विवेक सागर, मुनि संकल्प सागर, मुनि सदभाव सागर एवं श्वेतांबर साधुओं ने अपना उदबोधन एवं आशीर्वाद दिया। आचार्य विवेक सागर महाराज ने दिगम्बर मुनि की हत्या को दुखद बताते हुए कहा कि अहिंसक समाज के मुनियों के साथ हिंसा निश्चितरूप से स्तब्ध करने वाली है। सरकार को इसकी उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए। उन्होंने मुनि कामकुमार नंदी महाराज के हत्यारों को सजा दिलाने तथा भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगे, इसके लिए राष्ट्रीय जैन आयोग गठित किए जाने पर जोर दिया।

जैन समाज की इस सभा में दिगम्बर समाज के अलावा श्वेतांबर समाज के लोग भी उपस्थित रहे। सभी लोग जैन साधुओं की सुरक्षा को लेकर चिन्तित नजर आए और अन्याय नहीं सहने की बात कही गई।

सभा के बाद अजमेर सकल जैन समाज की ओर से कलक्टर डा. भारती दीक्षित को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारैम्या, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें जैन आयोग गठन के साथ जैन मुनि हत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

इधर, अजमेर जिले के किशनगढ़, नसीराबाद, पीसांगन, ब्यावर, सावर आदि जगहों से भी बंद के समाचार मिले हैं। अजमेर के बंद को शहर भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद, राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ, विप्र सेना, सिंधी समाज तथा विभिन्न व्यापारिक संगठनों का समर्थन रहा। बंद दिन में 2 बजे तक रखा गया। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारैम्या ने जैन मुनि हत्या मामलें की जांच सीआईडी पुलिस से कराने की विधानसभा में घोषणा की है।

मुस्लिम एकता मंच ने की कार्यवाही करने की मांग

अजमेर में मुस्लिम पंचायतों और बिरादरियों की संस्था मुस्लिम एकता मंच ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कर्नाटक में जैन संत की हत्या को इंसानियत विरोधी कृत्य बताते हुए हत्यारों पर कार्यवाही की मांग की है।

अजमेर से जारी बयान में मंच सदस्यों ने कहा है कि यह एक जघन्य इंसानियत विरोधी अपराध है, इसकी मुस्लिम समाज निन्दा करता है। जैन संतों में अहिंसा, करूणा, दया एवं विनम्रता होती है। उनका किसी से कोई बैर नहीं होता, वे क्षमा की मूर्ति होते हैं। हत्यारों का कृत्य अहिंसा की भावना के विपरीत, पूरी इंसानियत की हत्या के बराबर है।

बयान में दोषियों को पकड़ने तथा कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की गई है। पत्र भेजने वालों में दरगाह अन्जुमन सचिव सरवर चिश्ती, काजी मुन्नवर अली, नवाब हिदायतुल्लाह, अब्दुल बारी चिश्ती, पीर नफीस मियां चिश्ती, अब्दुल नईम खान, सरवर सिद्की, आसीफ अली तथा अहसान मिर्जा हैं।