अजमेर। उर्स मेला-2024 के दौरान देहली गेट तक ही जुलूस के साथ चादर ले जाई जा सकेगी। अतिरिक्त कलक्टर राजेन्द्र सिंह ने बताया कि उर्स मेेले में आने वाले जायरीन द्वारा ख्वाजा साहब की दरगाह पर चढ़ाई जाने वाली चादरें जुलूस के साथ, ढोल-ताशे एवं बैण्ड बाजे से शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दरगाह शरीफ के मुख्य द्वारा तक ले जाई जाती है। इसके कारण उर्स में आने वाले जायरीन को बहुत परेशानी का सामना करना पडता है। साथ ही रास्ता भी जाम हो जाता है। मेला अवधि के दौरान जायरीन द्वारा चढाई जाने वाली चादरें देहलीगेट के पश्चात (दरगाह तक) जुलूस एवं ढोल-ताशे के साथ नहीं लाई जाएगी।
उर्स मेला-2024 की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में समन्वय बैठक का आयोजन जिला मजिस्ट्रेट डाॅ. भारती दीक्षित की अध्यक्षता में मंगलवार को हुआ। पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था चाक चोबन्द रखने की बात कही।

सुरक्षा की दृष्टि से समस्त सीसीटीवी कैमरे कार्यशील रहने चाहिए। विभिन्न स्थानों पर से अतिक्रमण तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। दरगाह परिसर में अवैध अतिक्रमण दरगाह कमेटी द्वारा समय सीमा के भीतर हटाया जाए। जन हानि रोकने तथा सुरक्षा सुदृढ करने के लिए अतिक्रमण हटाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि जायरीन के लिए जूते आदि के स्टेण्ड देहली गेट पर ही स्थापित होने चाहिए साथ ही देहली गेट तक ही चादर फैलाकर ले जा सकते है। उसके पश्चात सम्मान के साथ समेटकर लेकर जाना उपयुक्त रहेगा। निराश्रित जानवरों को नगर निगम द्वारा हटाया जाएगा। घरेलू गैस सिलेण्डर का व्यवसायिक उपयोग रोकने के लिए लगातार कार्यवाही की जाए। विभिन्न स्थानों पर अस्थाई डिस्पेन्सरी और एम्बुलेन्स की माकूल व्यवस्था हो।
कायड़ विश्राम स्थली में सर्दी तथा कोहरे को देखते हुए प्रकाश की अतिरिक्त व्यवस्था की जाए। दरगाह परिसर तथा दरगाह क्षेत्रा में खुले तथा नंगे तार दुघर्टना का कारण हो सकते है। इनकी मरम्मत आवश्यक रूप से करें। पाक जायरीन का आना प्रस्तावित है। उसी के अनुरूप समस्त व्यवस्थाएं अमल में लाई जाए।
इस अवसर पर दरगाह दीवान के प्रतिनिधि सैयद नसरूद्वीन चिश्ती, सचिव गुलाम नजमी फारूकी, अंजुमन के अध्यक्ष मोहम्मद सुभान चिश्ती, सचिव अजीम मोहम्मद चिश्ती, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ललित गोयल, नगर निगम के आयुक्त सुशील कुमार, प्रशिक्षु आईएएस श्रृद्धा गोमे, अतिरिक्त कलक्टर राजेन्द्र सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
 
  
 