न्यायपालिका में भ्रष्टाचार वाले बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यू टर्न

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर दिए अपने बयान पर गुरुवार को सफाई देते हुए कहा कि वह उनकी निजी राय नहीं हैं, उन्होंने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान एवं उस पर विश्वास किया है।

गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि कल मैंने ज्यूडिशियरी के करप्शन को लेकर जो कहा वो मेरी निजी राय नहीं हैं। मैंने हमेशा ज्यूडिशियरी का सम्मान एवं उस पर विश्वास किया है।

समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट के अनेकों रिटायर्ड न्यायाधीशों एवं रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीशों तक ने ज्यूडिशियरी में भ्रष्टाचार पर टिप्पणयां की हैं एवं उस पर चिंता व्यक्त की है। मेरा न्यायपालिका पर इतना विश्वास है कि मुख्यमंत्री के रूप में जजों की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट कॉलेजियम के जो नाम हमारे पास टिप्पणी के लिए आते हैं, मैंने उन पर भी कभी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा स्पष्ट मानना है कि हर नागरिक को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और ज्यूडिशियरी पर विश्वास करना चाहिए। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। उल्लेखनीय है कि बुधवार को गहलोत ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा था कि अदालतों में भ्रष्टाचार है और कोर्ट के फैसले तक वकील लिखते हैं।