फूल सिंह बरैया की ‘मुंह काला’ करने की घोषणा का नाटकीय ढंग से पटाक्षेप

भोपाल। कांग्रेस के नव निर्वाचित विधायक एवं कभी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता रहे फूल सिंह बरैया की मुंह काला करने संबंधी घोषणा का आज यहां वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में नाटकीय ढंग से पटाक्षेप हाे गया।

बरैया ने विधानसभा चुनाव के पहले मीडिया के समक्ष घोषणा की थी कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 50 से अधिक सीटों पर चुनाव जीतेगी, तो वे भोपाल में राजभवन के सामने अपने मुंह पर स्वयं कालिख पोतेंगे। चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए 163 सीट पर विजय हासिल की है। वहीं श्री बरैया भांडेर सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं।

मीडिया ने जब बरैया को अपनी पूर्व की घोषणा का ध्यान कराया, तो उन्होंने कहा कि वे अपने वादे पर कायम हैं। उन्होंने सात दिसंबर को राजभवन के समक्ष अपनी घोषणा पूरी करने की बात कही थी और आज वे दिन में अपने समर्थकों के साथ राजभवन की ओर जा रहे थे, तभी पूर्व मुख्यमंत्री सिंह भी वहां पहुंचे और बरैया तथा उनके समर्थकों के साथ पैदल चले।

सिंह ने मीडिया की मौजूदगी में बरैया को अपने पास बुलाया और कहा कि इन्हें अपने मुंह पर कालिख पोतने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि सिंह ने बरैया के चेहरे पर काले रंग का तिलक लगाया और सांकेतिक रूप से उनके गालों पर तथा होंठ के नीचे काले रंग से गोल सी आकृति बना दी।

इस अवसर पर सिंह ने मीडिया से कहा कि वे बरैया को बधाई देते हैं कि वह अपने वचन के पक्के हैं। सिंह ने कहा कि उन्होंने बरैया को मुंह काला करने से रोक दिया। क्योंकि उनका वचन तो सही निकला। सिंह का तर्क है कि पोस्टल बैलट में तो उन्हें (भाजपा) 50 से कम सीटें मिली हैं। इसलिए यदि मुंह काला किया जाना चाहिए, तो वह भाजपा का।

दरअसल राज्य में जब 20 वर्ष से अधिक समय पहले सिंह मुख्यमंत्री थे, तब बरैया बसपा के प्रदेश प्रमुख की कमान संभालते थे। उस समय राज्य में बसपा का काफी प्रभाव बढ़ रहा था, लेकिन बरैया बाद के वर्षों में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बरैया कांग्रेस में सिंह के ही समर्थक माने जाते हैं।

इस बीच प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी पोस्ट के जरिए कांग्रेस और उसके नेताओं पर कटाक्ष किया है। अग्रवाल ने कहा कि बरैया ने अपना मुंह काला कराकर परोक्ष रूप से कमलनाथ के नकारा नेतृत्व का ढोल पूरे देश में पीटा है। इसे कहते हैं सांप भी मरे और लाठी भी न टूटे।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सिंह के षड़यंत्र से प्रभावित होकर कांग्रेस की करारी हार पर स्वयं का मुंह काला कराकर बरैया ने अपने नेतृत्व की अक्षमता को राष्ट्रीय पटल पर उजागर कर दिया। अब तक सिंह और अरुण यादव जैसे नेता कमलनाथ को निपटाने में लगे रहते थे, लेकिन अब इस गुट में आज बरैया भी शामिल हो गए।

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