दीदी कृष्णा कुमारी का प्रवचन व सत्संग 14 को अजमेर में

अजमेर। साधू वासवाणी मिशन पुणे की दीदी कृष्णा कुमारी की ओर से सत्संग व प्रवचन का कार्यक्रम 14 अक्टूबर को अजमेर में आयोजित किया जाएगा।

सेंटर के जगदीश वच्छाणी ने बताया कि दादा जश्न वासवाणी व साधु टीएल वासवाणी के प्रवचन देश दुनिया में आज भी ऑनलाइन सुने जाते हैं और पुणे के मिशन से सभी का आध्यात्मिक जुडाव है। सेंटर की दीदी कृष्णा कुमारी युवा पीढी को शिक्षा के साथ संस्कारों पर प्रवचन व सत्संग के कार्यक्रम में अजमेर आ रही है।

समारोह 14 अक्टूबर को माकडवाली रोड स्थित सतगुरू इंटरनेशल स्कूल के हॉल में आयोजित किया जाएगा। समारोह में संगीत के कार्यक्रम में अंतराष्ट्रीय मशहूर कलाकार काजल चंदीरामाणी (मुम्बई) कलाकारों के साथ प्रस्तुति देंगी।

आयोजन कमेटी का गठन

अप्रवासी भारतीय व समाजसेवी प्रताप रंगवाणी (दुबई) व प्रकाश लालचंदाणी (दुबई) संरक्षक रहेगें। कमेटी में जगदीश वच्छाणी, कवंल प्रकाश किशनानी, नरेन शाहणी भगत, ईश्वर ठाराणी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी अजय ठकुर, हर्षिका मंघाणी, ख्याति अरोडा को शामिल किया गया है।

कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बैठक

कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर शनिवार को स्वामी कॉम्पलेक्स के रसोई बैंक्विट हॉल में बैठक आयोजित की गई जिसमें कमेटियां बनाकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई। बैठक में जगदीश वच्छाणी, कवंल प्रकाश किशनानी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, दयाल शेवाणी, प्रकाश जेठरा, महेश इसराणी, लक्षमण सबनाणी, महेश टेकचंदाणी सहित सामाजिक व धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

दीदी कृष्णा कुमारी का परिचय

आध्यात्मिक ज्ञान के मार्गदर्शक और गुरू जेपी वासवाणी विज्ञान और धर्म के साथ रखकर गूढ बात सरल शब्दों में करते हैं। दादा जेपी वासवाणी एक वैज्ञानिक, दूरदर्शी विद्वान और शिक्षाविद् थे। पुणे में विशाल सामाजिक कल्याणी संस्थान साधू वासवाणी मिशन का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने गुरू साधु वासवाणी के प्रेम, करूणा, सादगी और सेवा के संदेश को आत्मसात कर मिशन के कार्य को आगे बढाया।

साधू वासवाणी के जन्म दिवस 25 नवम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय शाकाहारी दिवस (मीटलेस डे) के रूप में लोकप्रिय है। मिशन का मुख्य ध्येय वाक्य स्वयं प्रसन्न रहें और सभी को प्रसन्न रखें। मिशन की ओर से देश भर में 18 प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ कई विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों का संचालन करता है। भारत सहित अन्य देशों में 60 से अधिक आध्यात्मिक केन्दों के माध्यम से कई सामाजिक और मानवीय परियोजनाओं की भी देखरेख दीदी के मार्गदर्शन में होते हैं।

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