ईडी ने गुवाहाटी प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को धनशोधन मामले के तहत अरेस्ट किया

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुवाहाटी के पूर्बाश्री प्रिंटिंग हाउस के मालिक प्रियांशु बोइरागी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया है। एजेंसी के गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय ने रविवार को यह जानकारी दी। यह गिरफ्तारी बोइरागी के ठिकानों पर तलाशी अभियान के बाद हुई। एक विशेष पीएमएलए अदालत ने बोइरागी को पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

इस धनशोधन मामले की जांच असम के मुख्यमंत्री के विशेष सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी से शुरू हुई है।

ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि बोइरागी ने कथित तौर पर असम भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव चोहान डोले एवं तत्कालीन अध्यक्ष गौतम बरुवा और दूसरे अधिकारियों के साथ मिलकर श्रम कल्याण उपकर के तौर पर जमा किए गए सरकारी फंड को धोखे से हड़पने की साज़िश रची।

उन्होंने बताया कि निर्माण लागत के एक प्रतिशत की दर से जमा किया गया यह उपकर, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए एक खास कोष है। यह दुर्घटना और मृत्यु, चिकित्सा सहायता, मातृत्व लाभ, पेंशन, शिक्षा सहायता जैसे अनेक फायदे के लिए होता है।

अधिकारी ने बताया कि घोटाले के साजिशकर्ताओं ने समाज के बहुत गरीब तबकों के लिए रखे गए कोष को धोखे से हड़प लिया और उसे वैध कर दिया। ईडी के मुताबिक 2013-14, 2014-15 और 2015-16 वित्तीय वर्ष के दौरान बोइरागी को नकली और जाली टेंडर प्रक्रिया के ज़रिए कुल 121.05 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले मुद्रण अनुबंध दिए गए। इसमें से बोर्ड ने पूर्बाश्री प्रिंटिंग हाउस को 118.55 करोड़ रुपए दिए। इन पैसों का बड़ा हिस्सा या तो बोइरागी ने तुरंत निजी सावधि जमा में लगा दिया या अपराध से हुई कमाई को दिल्ली में कई शेल कंपनियों के ज़रिए भेजा।

उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान, सबूत, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और एक ऑडी कार ज़ब्त की गई। पिछली कार्रवाई में, 34.03 करोड़ रुपए के सावधि जमा और बैंक बैलेंस कुर्क किए गए थे। पीएमएलए न्यायनिर्णय प्राधिकरण के एक आदेश में इसकी पुष्टि की गई है।