इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टीवन फिन ने क्रिकेट को अलविदा कहा

लंदन। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टीवन फिन ने सोमवार को क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास लेने की घोषणा की। फिन घुटने में चोट लगने के कारण पिछले 12 महीनों से क्रिकेट से दूर थे, जिसके कारण उन्होंने सिर्फ 34 साल की उम्र में ही संन्यास ले लिया। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 36 टेस्ट, 69 एकदिवसीय और 21 टी20 मैच खेले और राष्ट्रीय टीम के लिये 29.05 की औसत से कुल 254 विकेट चटकाए।

फिन ने अपने काउंटी क्लब ससेक्स द्वारा साझा किए गए एक बयान में कहा कि मैं पिछले 12 महीनों से अपने शरीर के साथ लड़ाई लड़ रहा हूं और मैंने हार मान ली है। साल 2005 में मिडिलसेक्स के लिए पदार्पण करने के बाद से मैं अपने पेशे के तौर पर क्रिकेट खेलने में सक्षम होने के लिए अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली महसूस करता हूं। यात्रा हमेशा आसान नहीं रही है, लेकिन फिर भी मैंने इसका आनंद लिया है।

उन्होंने कहा कि मैं इंग्लैंड, मिडिलसेक्स और ससेक्स में शानदार लोगों के संग बनाई गई कुछ अदभुद्भुत यादों के साथ संन्यास ले रहा हूं। यह मेरे साथ सदैव जीवित रहेंगी। फिन के करियर का सबसे यादगार प्रदर्शन 2015 एशेज शृंखला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया था, जब उन्होंने बर्मिंघम टेस्ट में 79 रन देकर छह विकेट लिए थे। इंग्लैंड ने यह सीरीज 3-2 से जीती थी और यह आखिरी मौका था जब एशेज़ का कलश इंग्लैंड के पास गया था।

फिन ने कुल मिलाकर तीन एशेज़ सीरीज जीतीं और वह 2010 में ऑस्ट्रेलिया में आखिरी बार एशेज़ जीतने वाली इंग्लैंड टीम का हिस्सा भी रहे थे। फिन एकदिवसीय विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले इंग्लैंड के एकमात्र गेंदबाज हैं। यह कारनामा उन्होंने 2015 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीन गेंदो पर ब्रैड हैडन, ग्लेन मैक्सवेल और मिचेल जॉनसन को आउट करके किया था।

उन्होंने अपने सभी प्रशंसकों और अभिभावकों को समर्थन के लिएधन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के खेल ने उन्हें बहुत कुछ दिया है और वह भविष्य में किसी न किसी रूप में इस खेल का कर्ज़ अदा करना चाहेंगे। फिन ने कहा कि क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया है और मुझे उम्मीद है कि मैं भविष्य में इस खेल को कुछ हद तक वापस लौटा पाऊंगा। लेकिन अभी मैं इसे देखने का आनंद लूंगा, यह सोचे बिना कि क्या मेरा शरीर दूसरे दिन के क्रिकेट को झेलने में सक्षम होगा या नहीं।