समीर वानखेड़े ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के खिलाफ किया हाई कोर्ट का रुख

मुंबई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से उनके खिलाफ दर्ज किये गये मनी लॉन्ड्रिंग मामले को बम्बई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक प्राथमिकी के आधार पर वानखेड़े के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि अधिकारी ने कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग भंडाफोड़ मामले में अपने बेटे का नाम शामिल नहीं करने के लिए अभिनेता शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपए की मांग की थी।

सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर कैडर के 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी वानखेड़े ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ शिकायत करने के कारण उनके खिलाफ ईडी का मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने यह भी दावा किया है कि यह मामला दुर्भावना और प्रतिशोध की भावना का प्रतीक है और अदालत से केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जाने वाली किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने का आग्रह किया है।

उन्होंने यह भी मांग की है कि जब तक उच्च न्यायालय उनकी दूसरी याचिका पर फैसला नहीं ले लेता, तब तक ईडी को जांच करने से रोका जाए। दूसरी याचिका में उन्होंने सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले को चुनौती दी है। याचिका के 15 फरवरी को न्यायमूर्ति पीडी नाइक और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आने की संभावना है।