भारत ने 9 साल बाद जीता एशियाई खेल में हॉकी का गोल्ड

हांगझोउ। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने शुक्रवार को 19वें एशियाई खेल में गत चैंपियन जापान पर 5-1 से शानदार जीत हासिल कर स्वर्ण पदक जीता और 2024 पेरिस के लिए स्थान पक्का किया।

एशियाई खेलों में पुरुष फील्ड हॉकी में यह भारत का चौथा स्वर्ण पदक है। भारत ने इससे पहले 1966, 1998 और 2014 में स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय टीम के फॉरवर्ड सुखजीत सिंह ने जापान के खिलाफ मैच में अपनी 50वीं अंतर्राष्ट्रीय कैप अर्जित की। फाइनल में भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह (32, 59), मनप्रीत सिंह (25), अमित रोहिदास (36) और अभिषेक (48) ने गोल किए। जापान के लिए एकमात्र गोल सेरेन तनाका (51) ने किया।

हॉकी इंडिया ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के प्रत्येक खिलाड़ी के लिए पांच लाख रुपए के पुरस्कार की घोषणा की, साथ ही सहयोगी स्टाफ के लिए 2.50 लाख रुपए दिए। मैच की शुरुआत भारत के आक्रामक रुख के साथ हुई, जब हार्दिक सिंह और जरमनप्रीत सिंह ने बाएं फ्लैंक पर मिलकर एक खतरनाक मूव बनाने की कोशिश की, लेकिन इन दोनों को लाल पोशाक वाले खिलाड़ियों ने उनके ट्रैक पर ही रोक दिया।

भारत और जापान दोनों जवाबी हमले करने की कोशिश कर रहे थे, जिससे मुकाबला मिडफील्ड क्षेत्र में कड़े पास के खेल में बदल गया। देर से मिले पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत सिंह ने गोल पर जोरदार फ्लिक मारा लेकिन जापान के गोलकीपर ताकुमी कितागावा ने बचा लिया और पहले क्वार्टर के अंत में स्कोर 0-0 रहा।

दूसरे क्वार्टर की शुरुआत भारत द्वारा शुरुआती पेनल्टी कॉर्नर अर्जित करने से हुई, जिससे उसे बढ़त हासिल करने का मौका मिला। लेकिन सेट-पीस में आश्चर्यजनक बदलाव के बाद, अमित रोहिदास का अंतिम शॉट गोलपोस्ट के ठीक ऊपर चला गया। भारत ने गति पकड़नी शुरू कर दी क्योंकि उन्होंने जापानी रक्षकों को पिच की लंबाई तक फैला दिया। मनप्रीत सिंह (25) ने अंततः सीमा तोड़ दी और सर्कल के अंदर एक ढीली गेंद को उठाकर नेट्स में एक शक्तिशाली रिवर्स हिट मारा और भारत 1-0 की बढ़त के साथ हाफटाइम में गया।

दूसरा हाफ शुरू होते ही जापान ने बराबरी की तलाश में हमले तेज कर दिए लेकिन हार्दिक सिंह द्वारा सर्कल के अंदर अभिषेक को दिए गए शानदार लंबे पास ने जापानी रक्षकों को उनके हाफ में वापस ला दिया। हरमनप्रीत सिंह (32) ने पेनल्टी कॉर्नर का भरपूर फायदा उठाया और भारत ने अपनी बढ़त दोगुनी कर दी।

कुछ मिनट बाद अमित रोहिदास (36) ने एक और पेनल्टी कॉर्नर से नेट की ओर एक शक्तिशाली फ्लिक मारकर भारत का स्कोर 3-0 कर दिया। तीन गोल की बढ़त के बावजूद, भारत ने जापानी रक्षा पर पूरा दबाव बनाए रखा और तीसरे क्वार्टर के समापन तक विपक्षी टीम को अपनी चाल चलने का कोई मौका नहीं दिया।

भारत ने जापान पर दबाव बनाना जारी रखा जब अभिषेक (48) ने अंतिम क्वार्टर की शुरुआत में ही गेंद को नेट में डाल दिया और अपनी टीम का स्कोर 4-0 कर दिया। दाहिने फ्लैंक से मूव बनाने के बाद जापान को पेनल्टी कॉर्नर मिला और सेरेन तनाका (51) जापान को बोर्ड पर लाने में सफल रहे। जापान ने देर से हमला करने की कोशिश की लेकिन भारत ने संख्या में बचाव किया। हरमनप्रीत सिंह (59) ने अंतिम सीटी बजते ही एक और गोल दागा, जिससे भारत ने मैच 5-1 से जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।

भारत की बड़ी जीत पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा कि एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिए भारत को नौ साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। हमें टीम के प्रत्येक सदस्य और टीम पर गर्व है। यह 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए शुरुआत है और हमें विश्वास है कि आने वाले वर्ष में हमारी टीम और भी आगे बढ़ती रहेगी।

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा कि हांगझोउ में भारत की स्वर्ण पदक जीत पिछले साल राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में की गई महीनों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है। टीम का प्रत्येक सदस्य और कोचिंग स्टाफ हमें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने और 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए स्थान सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए अपना सब कुछ दिया।