अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के डिजाइन को इकबाल अंसारी ने किया खारिज

Iqbal Ansari rejected the design of the mosque to be built in Ayodhya
Iqbal Ansari rejected the design of the mosque to be built in Ayodhya

अयोध्या। बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी ने अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के डिजाइन को खारिज करते हुए कहा कि इसमें भारत की छवि नहीं झलकती है। अंसारी आज श्रीरामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा रौनाही में सरकार की ओर से पांच एकड़ जमीन मिली थी।

उस भूमि पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा जो मस्जिद का डिजाइन बनाया है वह विदेशी लगती है और उसमें भारत की छवि नहीं झलकती। उन्होंने कहा कि इस डिजाइन को बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहने की हैसियत से मैं इस डिजाइन को खारिज करता हूं क्योंकि इसमें हिंदुस्तानी शैली की झलक नहीं दिखाई देती है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद के स्थान पर फैजाबाद/अयोध्या के रौनाही के धन्नीपुर गांव में मस्जिद बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था, जिसके बाद यहां पर मस्जिद का निर्माण होना था, लेकिन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा बनाया गया ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ने जो मस्जिद का नक्शा बनाया है, उसका मॉडल विदेशी लग रहा है।

उन्होंने कहा कि इस डिजाइन में हिंदुस्तानी शैली दिखाई ही नहीं पड़ रही है इसलिए देश का मुस्लिम समाज इसे कभी कबूल नहीं करेगा, कि इस तरह की डिजाइन का नक्शा मस्जिद का स्वरूप ले सके।

इकबाल अंसारी ने कहा कि विदेशों की तर्ज पर मस्जिद की डिजाइन दी गई है। हम भारत के लोग हैं और हम भारतीय शैली पर मस्जिद को स्वीकार करेंगे। उसने कहा कि अयोध्या ही नहीं बल्कि देश का कोई भी मुसलमान मस्जिद के इस डिजाइन को स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि इसकी डिजाइन विदेशी शैली की है। उनका कहना है कि सत्तर वर्षों में मस्जिद के लिए लड़ाई लड़़ी गयी लेकिन आज अयोध्या के किसी भी पक्षकार से कोई सलाह नहीं ली गई।

इस जमीन पर जो मस्जिद बनने वाली है वही विदेशी वास्तु की कला के हिसाब से है। इसलिए हमें यह डिजाइन मंजूर नहीं है। हम हिंदुस्तान के मुसलमान हैं और हिंदुस्तान के वफादार हैं। उन्होंंने कहा कि हम हमेशा हिंदू और मुस्लिमों के बीच मेें रहते हैं इसलिए मस्जिद और मंदिर की अपनी अलग-अलग पहचान होती है।

उन्होंने जोर देतेे हुए कहा कि मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट द्वारा जारी किया गया नक्शा पूर्ण रूप से विदेशी है क्योंकि इसमें हिंदुस्तान की तरह से मस्जिद का स्वरूप नहीं हैै जबकि इसमें मीनार होना अति आवश्यक है। ऐसे में मस्जिद निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट द्वारा जारी किए गए नक्शे का विरोध पूरे भारत का मुसलमान कर रहा है।

अंसारी ने कहा कि मस्जिद नमाज पढऩे के लिए होती है लेकिन जो नक्शा है वह विदेशी है। इसमेें हिंदुस्तानी छाप नहीं दिखाई देती। ऐसे मेें भारतीय मुसलमान ऐसे डिजाइन पर अपना पैसा बर्बाद नहीं कर सकता है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या के एक भी पक्षकार से मस्जिद की डिजाइन को लेकर कोई भी राय मशविरा नहीं किया गया। हिंदुस्तान में जो भी मंदिर बनते हैं उसमें शिवालय जरूर रहता है इसलिए हिंदुस्तान का मंदिर मस्जिद इसी से पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि मस्जिद अल्लाह का घर है। यह लोग तो एक खूबसूरत बिल्डिंग बना रहे हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।