पानी पर काम कम, राजनीति ज्यादा कर रही है गहलोत सरकार : शेखावत

टोंक और सवाईमाधोपुर में जन आक्रोश सभाओं में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री का संबोधन
बोले, ईआरसीपी की औपचारिकताएं पूरी नहीं कर रही राज्य सरकार
ईआरसीपी को रिवर लिंक परियोजना में शामिल किया
टोंक/सवाईमाधोपुर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार जल जीवन मिशन हो या ईआरसीपी, पानी से जुड़े किसी भी मुद्दे पर काम कम और राजनीति ज्यादा कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ईआरसीपी पर एक भी कानूनी औपचारिकता पूरी नहीं की और इसे राजनीति की फुटबॉल बना रही है। इसी प्रकार जल जीवन मिशन में पूरे देश में सबसे कम काम कहीं हुआ है तो वह राजस्थान है।

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री शनिवार को टोंक की देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र और सवाईमाधोपुर क्षेत्र में जन आक्रोश सभाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि जिस तरह से बिना कानूनी औपचारिकताएं पूरी किए बिना नगर पालिका किसी मकान का नक्शा पास नहीं कर सकती, वैसे ही बिना कानूनी औपचारिकता पूरी किए केन्द्र सरकार चाहते हुए भी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दे सकती।

शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी योजना वसुंधरा सरकार के समय पेश की गई थी, लेकिन गहलोत सरकार ने इसमें आगे कोई कार्रवाई नहीं की। इस सरकार ने ईआरसीपी के लिए डीपीआर में कमी छोड़ी, इसे पूरा नहीं किया। पर्यावरण की क्लीयरेंस नहीं ली। फॉरेस्ट की क्लीयरेंस नहीं है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच समझौता नहीं है। गहलोत सरकार इस योजना को राजनीति की फुटबॉल बनाकर 13 जिलों के लोगों को गुमराह कर रही है।

रिवर लिंक परियोजना में ईआरसीपी को जुड़वाया

उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ने का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था। नरेन्द्र मोदी सरकार इसे आगे बढ़ा रही है। इन 13 जिलों को नदी से जोड़ने के लिए मैंने रिवर लिंक परियोजना की पांच टॉप प्राथमिकता में शामिल करवाया है। यह परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से ज्यादी सस्ती है। इसमें 90% पैसा केन्द्र सरकार वहन करेगी, जबकि पहले वाली परियोजना में 60-40 का अनुपात था। इसके बाजवूद गहलोत सरकार ईआरसीपी को राजनीति की फुटबॉल बनाकर लोगों को गुमराह कर रही है।

घर-घर पानी पहुंचाने में देश भर मे फिसड्डी है गहलोत सरकार

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत सरकार पानी पर केवल राजनीति करती है। जल जीवन मिशन में मैंने व्यक्तिगत रुचि लेकर राजस्थान के लिए 27 हजार करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कराया, जो कई राज्यों से ज्यादा था, लेकिन इस सरकार ने मात्र पांच हजार करोड़ रुपए खर्च किया। मात्र दस प्रतिशत बजट खर्च किया। घर-घर पानी पहंचाने के मामले में राजस्थान पूरे देश में नीचे से दूसरे नम्बर पर है। गहलोत सरकार पानी पर इसलिए काम नहीं करना चाहती कि उसे डर है कि इसका श्रेय कहीं मोदीजी को नहीं मिल जाए।

प्रदेश के सभी वर्गों में आक्रोश

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी वर्गों में चाहे वह किसान हो, युवा हो या महिला हो, राज्य की गहलोत सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। इस सरकार ने चार साल में हर वर्ग के साथ धोखा किया है। किसानों का कर्जा माफ नहीं किया। खाद की कालाबाजारी हो रही है। बिजली के बिल माफ नहीं किए। किसानों को रात में बिजली दी जा रही है। युवकों को बेरोजगार भत्ता नहीं दिया। महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए राजस्थान की जनता में भयंकर गुस्सा है। इस जनाक्रोश को ज्वालामुखी के रूप में संचित करके इस सरकार को उखाड़ फेंकना है।

नकल माफिया की सीबीआई जांच करवाएंगे

राज्य में आए दिन हो रहे पेपर लीक प्रकरण पर केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि नकल माफिया ने राजस्थान के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। एक पेपर लीक होता तो शायद जनता माफ कर देती, लेकिन यहां लगातार पेपर लीक हो रहे हैं। यहां कौन प्रश्रय दे रहा है। अभी रीट की परीक्षा में जिस आरोपी ने पेपर लीक किया, वहीं अभी बस में पेपर लीक करवा रहा था। इसकी जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए, लेकिन यदि सीबीआई को जांच दे दी होती तो जांच की आंच इनके मंत्रियों के गले तक पहुंच जाती। सब मिलीभगत से हो रहा है। उन्होंने घोषणा की कि भाजपा की सरकार बनी तो नकल प्रकरण की जांच सीबीआई से कराएंगे और पिछले रास्ते से जिन्होंने नौकरी हासिल की, उन्हें सींखचों के पीछे भेजने का काम करेंगे।