भाजपा की सरकार बनी तो नकल और बजरी माफिया पर लगाएंगे लगाम : शेखावत

निवाई की जन आक्रोश सभा में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री का उद्बोधन
ईआरसीपी पर प्रदेश सरकार संशोधित डीपीआर भेजे तो एक माह में योजना पर काम शुरू
टोंक। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश में नकल माफिया और बजरी माफिया का आतंक बढ़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही प्रदेश को इस माफिया राज से मुक्ति दिलवाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि गहलोत सरकार ईआरसीपी पर केवल राजनीति कर रही है। यदि यह सरकार संशोधित डीपीआर बनाकर दे तो केन्द्र सरकार इसे एक माह के भीतर राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर काम शुरू करवा देगी।

शेखावत रविवार को निवाई में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित जन आक्रोश सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्ग इस सरकार से नाराज हैं। सरकार के प्रति उनमें जबरदस्त आक्रोश है। इस सरकार ने किसानों, युवकों और महिलाओं के साथ धोखा किया है। इस सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद है। माफियाराज हावी हो गया है।

उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रतियोगी परीक्षाओं के 2018 से अब तक 18 पेपर लीक हुए। नकल माफिया पनप रहा है, लेकिन इसकी तह तक पहुंचने के लिए सरकार इसकी सीबीआई जांच नहीं करवा रही, क्योंकि नकल माफिया को सरकारी सरंक्षण प्राप्त है। यदि सीबीआई जांच होती तो इसकी आंच इस सरकार के मंत्रियों तक पहुंच जाती। इसी प्रकार प्रदेश में बजरी माफिया के हौसले बुलंद है। ये माफिया नदियों को खोद रहे हैं,श। इन्हें रोकने वाले अफसरों पर जानलेवा हमला कर रहे हैं।

शेखावत ने कहा कि मैं आज इस मंच से यह बात जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि भाजपा की सरकार बनते ही दो काम करेंगे। एक जिन्होंने नकल की है, उनका इलाज करेंगे। दूसरा, बजरी माफिया पर नकेल कसेंगे। नदियों का वैज्ञानिक सर्वे करवाकर इस बात का पता लगवाएंगे कि बजरी कहां से और कौन-कौन निकाल रहा है।

ईआरसीपी में सरकार ने काूननी औपचारिकताएं पूरी नहीं कीं

शेखावत ने ईआरसीपी पर बोलते हुए कहा कि यह योजना वसुंधरा सरकार के समय में बनी, लेकिन उसमें कमी थी। हमने इसे दुरस्त करने के लिए भेजा। इस बीच सरकार बदल गई। इसके बाद गहलोत सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया। इसकी संशोधित डीपीआर नहीं भेजी और अन्य कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी नहीं कीं। अब इसे राजनीति की फुटबॉल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत तेरह जिलों के सूखे कंठों के साथ राजनीति कर रहे हैं। शेखावत ने दावा किया कि यदि राजस्थान सरकार अब भी सही डीपीआर बनाकर भेज दे तो वे इसे एक माह में राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाकर काम शुरू करवा देंगे।

रिवर लिंक परियोजना में किया शामिल

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि नदियों को जोड़ने का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था। नरेन्द्र मोदी सरकार इसे आगे बढ़ा रही है। इन तेरह जिलों को नदी से जोड़ने के लिए मैंने रिवर लिंक परियोजना की पांच टॉप प्रायोरिटी में इसे शामिल करवाया है। यह परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से ज्यादी सस्ती है। इसमें नब्बे प्रतिशत पैसा केन्द्र सरकार वहन करेगी। राज्य को केवल दस प्रतिशत राशि ही देनी होगी, लेकिन राज्य सरकार यह राशि भी नहीं दे रही। ईआरसीपी योजना 44 हजार करोड़ की है, जबकि रिवर लिंक योजना 22 हजार करेाड़ की है। फिर भी राज्य सरकार इसमें रुचि नहीं ले रही और राजनीति कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

किसानों का कर्जा माफ नहीं किया

शेखावत ने किसान कर्ज माफी और यूरिया के मुद्दे पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्जा माफ नहीं किया। खाद की कालाबाजारी हो रही है। बिजली के बिल माफ नहीं किए। किसानों को रात में बिजली दी जा रही है। समर्थन मूल्य पर बाजरे और अन्य उपज की खरीद नहीं की जा रही, जबकि केन्द्र सरकार ने एमएसपी डेढ गुना कर दिया और सरकारी खरीद करने वाली संस्था नेफेड को बैंक गारंटी भी तीन हजार करेाड़ से बढ़ाकर पचास हजार करोड़ की कर दी। अब खरीद का काम राज्य सरकार के जरिए होता है, लेकिन यह सरकार खरीद ही नहीं कर रही।

केन्द्र की विकास योजनाओं में पिछड़ा प्रदेश

शेखावत ने कहा कि वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश हर योजना में दूसरे या तीसरे नम्बर पर होता था। आज भी वह दूसरे और तीसरे नम्बर पर ही है, लेकिन नीचे से है। राज्य केन्द्र की हर विकास योजना के क्रियान्वयन में पिछड़ गया। हर घर नल योजना में प्रदेश को सबसे ज्यादा 27 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया, लेकिन वह इसे खर्च ही नहीं कर पाया। इस योजना में राजस्थान पूरे देश में नीचे के दूसरे तीसरे नम्बर पर है।

गैंगवार की राजधानी बना प्रदेश

कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि राजस्थान में आए दिन गैंगवार हो रही है। पूूरे प्रदेश में जिस तरह से गैंगवार बढ़ रही है, इससे यह प्रदेश गैंगवार की राजधानी बन गया। भूमाफिया मंदिर की जमीन हड़पने के लिए पुजारियों की हत्याएं कर रहे हैं। राजस्थान में न मंदिर सुरक्षित है और न स्कूल। यहां बेटियां भय के माहौल में जी रही है। सरकार में बैठे नुमााइंदे अपराधियों को बचाने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि उनका वश चले तो वे गैंगस्टर और बलात्कारियों को सरेआम फांसी पर लटका दें, लेकिन वे मजबूर हैं। उनकी मजबूरी उनके विधायक ही है, जो अपराधियों को सरंक्षण देते हैं। उन्होंने जनता से पूछा कि आपको योगी जी जैसी बुलडोजर वाली सशक्त सरकार चाहिए या भ्रष्टाचार वाली सरकार।