मैंने हिजाब प्रतिबंध वापस लेने को कहा है : सिद्दारमैया

बेंगलूरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अधिकारियों को हिजाब पर प्रतिबंध वापस लेने का निर्देश दिया है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास नारे को भी फर्जी बताया और आरोप लगाया कि भाजपा पहनावे और जाति के आधार पर लोगों और समाज को बांटने का काम कर रही है।

सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबका साथ-सबका विकास फर्जी है। भाजपा लोगों को बांटने और कपड़े, पहनावे और जाति के आधार पर समाज को बांटने का काम कर रही है। मैंने हिजाब प्रतिबंध वापस लेने के लिए कहा है।

दो न्यायाधीशों की पीठ ने पीड़ित छात्राओं द्वारा दायर याचिका पर खंडित फैसला आने के बाद हिजाब प्रतिबंध से संबंधित मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में एक बड़ी पीठ के समक्ष लंबित है।

शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाना चिंता का विषय : विजयेंद्र

कर्नाटक प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के फैसले पर नाखुशी जताई है।

येदियुरप्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह फैसला शैक्षणिक संस्थानों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को लेकर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि सिद्धारमैया सरकार शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक पोशाक की अनुमति देकर युवा मस्तिष्क को धार्मिक आधार पर विभाजित करने को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने कहा कि विभाजनकारी प्रथाओं पर शिक्षा को प्राथमिकता देना और एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, जहां छात्र धार्मिक प्रथाओं के प्रभाव के बिना शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार हिजाब पर प्रतिबंध हटा देती है और धार्मिक आधार पर छात्रों के बीच दरार पैदा करती है तो यह पत्थर के छत्ते पर हमला करने जैसा होगा। उन्होंने कहा कि हम इस फैसले से कानूनी तौर पर लड़ने के लिए तैयार हैं।

इस बीच हिंदू जन जागृति समिति के नेता मोहन गौड़ा ने सिद्धारमैया सरकार से शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध हटाने की योजना पर सवाल उठाया, जब मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तरह के फैसले से मुसलमानों को खुश करने की कोशिश कर रही है। जब मामला अदालत में लंबित है, तो ऐसे आदेश की क्या जरूरत है? यह न्यायपालिका का अपमान है। यह फैसला फिर से छात्रों में धार्मिक विभाजन का मार्ग प्रशस्त करेगा।

सिद्धारमैया शुक्रवार को यह कहते हुए राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध हटाने की अपनी सरकार की योजना की घोषणा की कि कपड़े और भोजन का चुनाव व्यक्तिगत है।