लोकसभा चुनाव में भाजपा 180 सीट भी पार करने की हालत में नहीं : राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी 180 से ज्यादा सीटें जीतने की स्थिति में नहीं है।

गांधी ने आज यहां इंडिया समूह की लोकतंत्र बचाओ महारैली को संबोधित करते हुए कहा कि क्रिकेट में ‘मैच फिक्सिंग’ शब्द होता है। मोदी इस चुनाव में मैच फिक्सिंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का 400 पार का नारा, बिना ईवीएम, बिना मैच फिक्सिंग के 180 पार नहीं होने जा रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहाकि नरेंद्र मोदी ‘मैच फिक्सिंग’ से चुनाव जीत कर संविधान बदलना चाहते हैं। प्लेयर खरीद कर, कैप्टन को डरा कर, अंपायर पर दबाव डाल कर और ईवीएम के दम पर 400 पार का नारा लगा रहे हैं। जबकि हकीकत में सब मिलाकर भी वह 180 पार करने की हालत में नहीं हैं। गांधी ने कहा कि यह चुनाव सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने और संविधान की रक्षा का चुनाव है।

रामलीला मैदान में जुटा, विपक्ष, मोदी के विरुद्ध हुंकार

विपक्षी दलों के प्रमुख नेता रविवार को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में इंडिया समूह के नेतृत्व में जुटे तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकतंत्र और संविधान कुचलने का आरोप लगाते हुए एकजुटता से संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया।

इंडिया समूह ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार की कथित जन विरोधी नीतियों और मोदी की कथित तानाशाही के विरोध में लोकतंत्र बचाओ रैली का आयोजन किया और लगातार संघर्ष करने की हुंकार भरी।

महारैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) के शरद पवार, शिवसेना (उद्धव गुट) के उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा की कल्पना सोरेन, झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी के गोपाल राय, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी,नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती और द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरुचि शिवा समेत 28 पार्टियों के नेता शामिल हुए।

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने इस महारैली का आयोजन दिल्ली के मुख्यमंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी, भाजपा की केंद्र सरकार की कथित तानाशाही, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरोध में किया।

महारैली में दोनों मुख्यमंत्रियों की तत्काल रिहाई, चुनावी बाँड की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष कार्यबल का गठन और चुनाव आयोग को स्वतंत्र रूप से काम करने देने की मांग की गयी। सभी दलों ने भाजपा के विरुद्ध एकजुटता से संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया।

महारैली को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि यह एकजुटता संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए है। देश में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो रहा है। मोदी लोकतंत्र नहीं चाहते हैं। वह तानाशाही तरीके से देश को चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों और नेताओं को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है जिससे वे चुनाव नहीं लड़ सकते।

प्रियंका वाड्रा ने कहा कि चुनावी बाँड की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष कार्यबल का गठन किया जाना चाहिए। केजरीवाल और सोरेन को तत्काल रिहा जाना चाहिए और राजनीतिक दलों के आर्थिक स्रोतों को बंद नहीं करना चाहिए। चुनाव आयोग को स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए।