महिला सम्मेलन ‘समर्था’ में जुटी मातृशक्ति, देश सेवा और समर्पण की भरी हुंकार

अजमेर। नारी संस्कार युक्त समाज का निर्माण करती है। नारी को अपना सम्मान मांगना नहीं है अपितु अपने कृतित्व से अर्जित करना है। थोथे नारीवाद की जगह पुरुष और नारी दोनों मिलकर एक स्वस्थ, सुद्रृण, सुखी एवं संस्कार युक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं। अपने बच्चों को प्रारंभ से ही संस्कार युक्त बनाएं और अपने आचरण में सेवा और समर्पण का समावेश करें। यह विचार महिला समन्वय की सह संयोजिका प्रीति गोयल ने रविवार को विजयलक्ष्मी पार्क में समर्था महिला सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।

तीन सत्रों में विभाजित सम्मेलन का पहला उद्घाटन सत्र दीप प्रज्वलन, शंख वादन एवं दीप मंत्र के साथ प्रारंभ हुआ। बहन उर्मिला ने मधुर भजन की प्रस्तुति दी। लीलामणि गुप्ता ने सम्मेलन की प्रस्तावना के बारे में बताते हुए कहा कि महिलाओं को एक साथ अपने उसे सामर्थ्य को पहचानना है जिसमें भारत को विश्व गुरु बनाने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि संपूर्ण देश में महिला समन्वय के माध्यम से अगस्त 2023 से जनवरी 2024 तक इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए शहीद आशु सिंह की पत्नी सुरज्ञान ने कहा कि महिला हमेशा से समर्थ थी। जीवन में दुख सुख आते जाते रहते हैं। हर दुख में महिला को मजबूत रहकर आगे बढ़ना चाहिए। दूसरे सत्र में महिलाओं की स्थानीय समस्या एवं समाधान पर दर्शना व्यास ने चर्चा की शुरुआत की। इसमें सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

समापन सत्र में राष्ट्र सेविका समिति की क्षेत्र कार्यवाहिका प्रमिला शर्मा ने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नारी अपनी समस्त ऊर्जा से घर को अपना तन मन देकर संवारती है। उसी प्रकार हमें समाज व राष्ट्र को भी अपना तन मन देकर संवारना है। कुसुम ने श्रीराम पर कथक प्रस्तुति देकर वातावरण को राममय कर दिया।

इस सम्मेलन में राष्ट्र सेविका समिति की वरिष्ठ सेविका प्रतिमा परांजपे की उपस्थित से संबल मिला। सम्मेलन में मंजू लालवानी, ऋतु परिहार, अलका गोड, अनीता सेन, पूनम राणा, वनिता जैमन, पिंकी राठौर, नैना शर्मा, स्नेहलता पवांर, सावित्री शर्मा, गरिमा शर्मा, अर्चना पांडे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रांत, विभाग, महानगर के संघचालक आदि उपस्थित रहे।

स्टॉल व राम मंदिर का सेल्फी प्वाइंट

सम्मेेलन स्थल पर स्टॉल व राम मंदिर का सेल्फी प्वाइंट विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। महिलाओं ने बड़ी उत्साह के साथ फोटोग्राफी का लुत्फ उठाया। मंच सुशोभन योग बालाजी एवं टीम ने किया। सहगीत एकता जैन व काव्य गीत आयुषी इंदौरिया व वर्षा लालवानी ने गाया। अंत में मनीषी इंदौरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ दीपिका शर्मा ने किया।