कोटा : नाबालिग से रेप के आरोपी को 20 साल की सजा

कोटा। राजस्थान में कोटा की पॉक्सो कोर्ट क्रम-5 ने एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी मंडराना निवासी दीपू उर्फ दीपक को 20 साल का कठोर कारावास एवं 30 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

लोक अभियोजक की ओर से न्यायालय में पेश आरोप पत्र के अनुसार पीड़िता के भाई ने 15 सितंबर 2021 को मंडाना थाने में शिकायत दी थी जिसमें बताया था कि वो मूल रूप से मध्य प्रदेश के झाबुआ के रहने वाले है और मंडाना थाना क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री के पीछे टापरी में रहते है। तीनों भाई-बहिन मजदूरी करते हैं।

घटना वाली सुबह 10 बजे करीब 16 साल की छोटी बहिन शौच के लिए रेल की पटरी की तरफ गई थी। वहां दीपू उर्फ दीपक नाम का लड़का आया और बहिन को उठाकर साथ ले गया। जंगल मे सुनसान जगह पर ले जाकर बहिन से दुष्कर्म किया। ये बात टापरी पर आने पर छोटी बहिन ने दोनों भाई बहिन को बताई।

दीपू उर्फ दीपक भी फैक्ट्री के पास टापरी में रहता है। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार किया। कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। 13 गवाहों के बयान कराए गए। 34 दस्तावेज पेश किए।

जानलेवा हमले के आरोपी को 10 साल की सजा

कोटा में जानलेवा हमले के आरोपी पूनम कॉलोनी निवासी लक्ष्मीकांत उर्फ गरीबा (40) को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय में पेश अभियोजन के अनुसार आरोपी लक्ष्मीकांत ने आपसी रंजिश के चलते अपने साथियों के साथ मिलकर मुकेश एवं विनोद पर तलवारों से हमला किया था। इलाज के दौरान विनोद की मौत हो गई थी। इस मामले कोर्ट दो आरोपियों को पहले ही सजा सुना चुका जबकि दो आरोपी लक्ष्मीकांत व रिंकू जाट फरार थे।

अभियोजक पक्ष के अनुसार फरियादी राकेश कुमार ने 8 जून 2006 को रेलवे कॉलोनी थाना में में शिकायत दी थी जिसमें बताया था गोपू उसकी मीट की दुकान में काम करता था। किसी बात को लेकर 7 जून को रिंकू जाट से लड़ाई झगड़ा हुआ था। जिसकी रिपोर्ट गोपू ने थाने पर कराई थी।

इसी बात की रंजिश रखकर 8 जून रात 10 बजे करीब रिंकू जाट, गोपू, नरेश गुर्जर, लक्ष्मीकांत उर्फ गरीबा एवं अन्य ने मिलकर नहर के पास मुकेश एवं विनोद पर तलवारों से हमला कर दिया। हमलावर दोनों मुकेश व विनोद को लहूलुहान हालात में छोड़कर भाग गए जिन्हे बाद में इलाज के लिए कोटा के एमबीएस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया।

इलाज के दौरान विनोद की मौत हो गई। फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया। 17 गवाहों के बयान करवाए। 21 दस्तावेज पेश किए।