‘मन की बात’ स्थानीय उत्पादों को सबके सामने लाने का माध्यम बना : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश में ऐसे कितने ही प्रतिभाशाली लोग हैं, जो अपनी मेहनत के बलबूते ही सफलता के शिखर तक पहुंचे हैं और ‘मन की बात’ ही उनके उत्पादों को सबके सामने लाने का माध्यम बना।

मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ में कहा कि हमारे देश में ऐसे कितने ही प्रतिभाशाली लोग हैं, जो अपनी मेहनत के बलबूते ही सफलता के शिखर तक पहुंचे हैं। उन्हें याद है कि विशाखापट्नम के वेंकट मुरली प्रसाद ने एक आत्मनिर्भर भारत चार्ट साझा किया था। उन्होंने बताया था कि वह कैसे ज्यादा से ज्यादा भारतीय उत्पादों का ही इस्तेमाल करेंगे। जब बेतिया के प्रमोद ने एलईडी बल्ब बनाने की छोटी यूनिट लगाई या गढ़मुक्तेश्वर के संतोष ने मैट्स बनाने का काम किया, ‘मन की बात’ ही उनके उत्पादों को सबके सामने लाने का माध्यम बना।

उन्होंने कहा कि हमने ‘मेक इन इंडिया’ के अनेक उदाहरणों से लेकर स्पेस स्टार्ट-अप तक की चर्चा ‘मन की बात’ में की है। मोदी ने कहा कि कुछ एपिसोड पहले उन्होंने मणिपुर की बहन विजयशांति देवी का भी जिक्र किया था। विजयशांति कमल के रेशों से कपड़े बनाती हैं। ‘मन की बात’ में उनके इस अनोखे इको फ़्रेंडली विचार की बात हुई तो उनका काम और लोकप्रिय हो गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस बात का बहुत संतोष है कि ‘मन की बात’ में हमने देश की नारी शक्ति की सैकड़ों प्रेरणादायी गाथाओं का जिक्र किया है। चाहे हमारी सेना हो या फिर खेल जगत हो, मैंने जब भी महिलाओं की उपलब्धियों पर बात की है, उसकी खूब प्रशंसा हुई है। जैसे हमने छत्तीसगढ़ के देउर गाँव की महिलाओं की चर्चा की थी। ये महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के जरिए गांव के चौराहों, सड़कों और मंदिरों के सफाई के लिए अभियान चलाती हैं। तमिलनाडु में ही 20 हजार महिलाओं ने साथ आकर वेल्लोर में नाग नदी को पुनर्जीवित किया था। ऐसे कितने ही अभियानों को हमारी नारी-शक्ति ने नेतृत्व दिया है और ‘मन की बात’ उनके प्रयासों को सामने लाने का मंच बना है।

live….प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का 100वां संस्करण