मीरा-भयंदर में मनसे को विरोध मार्च की अनुमति न मिलने से बढ़ा तनाव

मुंबई। महाराष्ट्र में ठाणे जिले के मीरा-भयंदर में पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को विरोध मार्च की अनुमति नहीं देने पर तनाव बढ़ गया। यह मार्च एक व्यापारी संघ द्वारा पहले किए गए विरोध प्रदर्शन के जवाब में आयोजित किया जा रहा था।

मनसे के विरोध मार्च से पहले व्यापारियों के समूह ने पुलिस उपायुक्त को लिखित माफीनामा सौंपकर स्पष्ट किया कि उनकी तीन जुलाई की रैली का उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।

व्यापारियों ने तीन जुलाई को एक घटना के बाद विरोध प्रदर्शन किया था जिसमें एक साथी व्यापारी पर मराठी भाषा से जुड़े मुद्दे पर कथित तौर पर हमला किया गया था। मराठी गौरव की वकालत करने के लिए मशहूर मनसे ने आज एक जवाबी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। पुलिस ने हालांकि विरोध मार्च निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

पुलिस ने एहतियाती कार्रवाई करते हुए मनसे नेता अविनाश जाधव को आज तड़के तीन बजे हिरासत में ले लिया। इसके अलावा मनसे महासचिव एवं वरिष्ठ नेता संदीप देशपांडे सहित कई अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया गया है और कई मनसे सदस्यों को कथित तौर पर हिरासत में भी लिया गया है।

देशपांड़े ने असंतोष व्यक्त करते हुए पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि गुजराती व्यापारियों को उनके विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी जाती है, लेकिन मराठी लोगों को अपनी भाषा के लिए आवाज उठाने की अनुमति नहीं दी जाती। क्या यह न्याय है।

विरोध मार्च निकालने की अनुमति न मिलने के बावजूद मनसे ने विरोध प्रदर्शन जारी रख है, जिससे शहर में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल हो गया है। इस बीच, व्यापारियों के संगठन ने पुलिस उपायुक्त प्रकाश गायकवाड़ को एक पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि उनकी तीन जुलाई की रैली किसी खास समुदाय, भाषाई समूह या राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है।

पत्र में बताया गया है कि विरोध प्रदर्शन का एकमात्र उद्देश्य हमले की घटना के बाद व्यापारिक समुदाय में फैले भय को दूर करना था। व्यापारियों ने पत्र में लिखा कि अगर रैली के कारण किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो हम माफी मांगते हैं।