राकांपा ने सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न देने की मांग की

पुणे। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से देश में महिला शिक्षा की अग्रणी सावित्रीबाई फुले को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का आग्रह किया है।

यहां एक हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करते हुए राकांपा के पुणे अध्यक्ष दीपक मानकर ने बुधवार को केंद्र सरकार से समाज सुधारक एवं देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न देने का आग्रह किया, जिन्होंने महिलाओं, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।

राकांपा कार्यकर्ताओं की एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मानकर ने कहा कि देशवासियों का सावित्रीबाई के सामाजिक कार्यों से भावनात्मक जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि राकांपा पुणे के भिडेवाड़ा को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित करने के लिए सभी प्रयास करेगी, जहां सुश्री फुले ने 1848 में पहला बालिका विद्यालय शुरू की थी।

शहर के ऐतिहासिक दक्कन इलाकों से शुरू किए गए इस हस्ताक्षर अभियान में महान समाज सुधारक को भारत रत्न देने के लिए लगभग एक लाख लोगों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं। फुले ने जीवनपर्यंत दलितों के लिए काम किया।

मानकर ने कहा कि हम अपने पार्टी अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के माध्यम से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना प्रस्ताव और अनुरोध सौंपेंगे और आग्रह करेंगे कि वह इस विषय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के समक्ष उठाएं, जिससे वह सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए देश के राष्ट्रपति के समक्ष पहल कर सकें।

इस अवसर पर राकांपा की पुणे इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप देशमुख ने कहा कि ज्योतिबा फुले ने जीवन भर दलित वर्ग के लिए काम किया। 28 नवंबर, 1890 को उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने 1848 में पुणे में पहला बालिका विद्यालय शुरू किया। हम अभी भी उनको सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का इंतजार कर रहे हैं। हमारी मांग को तेज करने के लिए जल्द ही पूरे महाराष्ट्र में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में राकांपा के वरिष्ठ नेता पूजा झोले, लावण्या शिंदे, समीर चंदेरे, अशोक दादा जाधव, शैलेश मानकर, योगेश दादा वराडे, अर्चना ताई चंदनशिवे, सुलक्षण भोसले और तृप्ति जगताप भी शामिल हुए।