राजस्थान में भाजपा का एक भी नेता मुख्यमंत्री चेहरे के काबिल नहीं : गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य में भारतय जनता पार्टी का एक भी नेता मुख्यमंत्री चेहरा बनने के काबिल नहीं है।

गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर अंगदान महाअभियान की शुरुआत के बाद मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने भाजपा नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे कह रहे हैं कि अपराध के मामलों में दूसरे राज्यों की तुलना क्यों की जा रही है, हम उन्हें एक्सपोज कर रहे है कि आज वे राज्य में मुख्यमंत्री चेहरा बने हुए हैं, क्या वे इस लायक है, क्या उन्हें जनता स्वीकार करेगी, जो चेहरा है उन्हें तो घर बैठा रखा है।

उन्होंने भाजपा के सचिवालय घेराव प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए बड़े बड़े दावे किए जा रहे थे कि दो लाख लोग आएंगे लेकिन महज 15-20 हजार लोग ही जुटा पाए। उन्होंने कहा कि उसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे क्यों नहीं आई। उसे तो घर बैठा रखा है। वह दो बार मुखयमंत्री रही है, उन्हें लाओ आगे। ये जो कथित मुख्यमंत्री के चेहरे बने हुए हैं इनसे मुकाबला नहीं होगा। मुकाबला तो मोदी के चेहरे से होगा।

उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव में मोदी का चेहरा लाना है तो ये लोग नाकाबिल है, ये मुख्यमंत्री चेहरे के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे तो मोदी तो प्रधानमंत्री है मैं तो प्रधानमंत्री हू नहीं, मैं चुनाव राजस्थान में ऐतिहासिक योजनाएं लाकर जो काम किए गए उस पर लड़ना चाहूंगा, लेकिन ये लोग मोदी को आगे क्यों ला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ये भाजपा के नेता राज्य में पिछले पच्चीस साल से कई बार चुनाव जीत गए है, अब तक काबिल क्यों नहीं बन पाए हैं कि इनका चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ा जाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग उस वक्त भी शामिल थे जब उस समय इनके मुख्यमंत्री भैंरों सिंह शेखावत बीमार होने पर विदेश इलाज करने गए थे और पीछे सरकार गिराने का प्रयास किया गया।

उन्होंने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह को संजीवनी मामले में आरोपी एवं अभियुक्त बताते हुए कहा कि वह अभियुक्त है, मैं अभी भी कह रहा हूं कि मैंने गृह मंत्री के रुप में जब मेरे सामने लोगों की शिकायतें आई तो इस मामले को दिखवाया गया। इसमें शेखावत, उनकी पत्नी, उनके पिताजी अभियुक्त है। इनके साले भी अभियुक्त है। क्या ऐसे लोग मुख्यमंत्री के लायक है क्या। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इनका आलाकमान चाहे कितना ही जोर लगा ले, इन लोगों को वह मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बना सकते।

उन्होंने कहा कि ईडी तो केन्द्र सरकार के पास ही है तो संजीवनी मामले को ईडी को क्यों नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर आईएफयू से कई बार संपर्क किया गया लेकिन कोई जवाब ही नहीं दिया जा रहा है।