अजमेर-दिल्ली केंट वंदेभारत एक्सप्रेस में लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या

अजमेर। यात्रियों की सुविधा, सुरक्षित व तेज संचालन के लिए हाल ही में प्रारंभ की गई अजमेर-दिल्ली केंट वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 13 अप्रैल से नियमित सेवा शुरू होने के पश्चात से अब तक एग्जीक्यूटिव क्लास और चेयर कार दोनों ही श्रेणी में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ी है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विवेक रावत के अनुसार अजमेर-दिल्ली केंट वंदे भारत एक्सप्रेस में जहां एग्जीक्यूटिव कार में 13 अप्रैल को कुल 159 सीटों में से 59 सीट यात्रियों को आवंटित हुई थी वहीं 24 अप्रैल को यह बढ़कर 94 हो गई है।

इसी प्रकार चेयर कार श्रेणी में जहां 13 अप्रैल को कुल 1593 में से 510 सीट आवंटित हुई थी वहीं 24 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 1038 हो गई है। इस प्रकार कुल सीटों की बात करें तो दिनांक 13 को कुल 1762 सीटों में से 559 सीटें आवंटित हुई थी जबकि दिनांक 24 अप्रैल को यह बढ़कर 1132 हो गई है।

बुधवार को छोड़कर सप्ताह में 6 दिन चलने वाली यह ट्रेन रेलवे आय बढ़ाने के मामले में भी बेहतर प्रदर्शन कर रही है। जहां नियमित संचालन के प्रथम दिन 13 अप्रैल को कुल आय 4,88,753 रुपए प्राप्त हुई थी वही दिनांक 24 अप्रैल को यह आंकड़ा बढ़कर 10,12,617 रुपए हो गया। बर्थ आवंटन प्रतिशत की बात करें तो जहां संचालन के प्रथम दिन 13 अप्रैल को बर्थ आवंटन 32.47 प्रतिशत था वहीं दिनांक 24 अप्रैल को यह बढ़कर 64.66 प्रतिशत हो गया है।

उल्लेखनीय है कि दिनांक 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेन का शुभारंभ किया था। यह ट्रेन कई सुविधाओं से लैस है। तेज रफ्तार इसकी विशेषता है और यह पहली सेमी हाई स्पीड ‘मेक इन इंडिया’ ट्रेन है।| पहली स्वदेशी सुरक्षित कवच प्रणाली के अनुकूल है।

अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस हाई राइज ओवरहेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) लाइन पर दुनिया की पहली सेमी हाई स्पीड पैसेंजर ट्रेन है। यह ट्रेन पुष्कर, अजमेर शरीफ दरगाह आदि सहित राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी में भी सहायक सिद्ध हुई है।

वंदे भारत सहित ट्रेनों की गति लगातार बढ़ाए जाने के कारण अनाधिकृत रूप से ट्रैक पार करना अब और भी अधिक खतरनाक हो गया है। अतः आमजन से और पशुपालकों से अपील है कि वे स्वयं ट्रेक से दूर रहें और अपने मवेशियों को भी ट्रैक के पास में आने दें। रेलवे ट्रैक सदैव ओवर ब्रिज या खुले रेल फाटक से ही पार करें।