ओडिशा रेल हादसे की सीबीआई जांच के लिए रेलवे ने पत्र भेजा

नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने ओडिशा रेल हादसे के आपराधिक कोण की जांच के लिए केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को आज पत्र लिख दिया।

सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों ने यहां बताया कि ओडिशा के बालासोर जिले में बहनगा बाज़ार स्टेशन पर शुक्रवार शाम को हुए भीषण हादसे की जांच सीबीआई से कराने के सरकार के फैसले के अनुरूप रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार लाहोटी ने प्रधानमंत्री कार्यालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को आज अनुरोध पत्र भेज दिया।

दुर्घटना की जांच में उठने वाले सवालों के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि किसी भी संभावना की ना तो पुष्टि करने की स्थिति है और ना ही खंडन करने की। रेलवे बोर्ड को भी जांच रिपोर्ट का इंतज़ार है। लाहोटी शाम करीब छह बजे प्रधानमंत्री कार्यालय भी गए। समझा जाता है कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को दुर्घटना की जांच एवं घायलों के उपचार आदि की जानकारी दी और सीबीआई जांच के बारे में विचार विमर्श किया।

उम्मीद है कि आज देर शाम तक सीबीआई की टीम बहनगा स्टेशन पर पहुंच कर जांच शुरू कर देगी। रेल संरक्षा आयुक्त (दक्षिण पूर्व सर्किल) की जांच पहले ही शुरू हो चुकी है और 15 से 20 दिन में उनकी रिपोर्ट आने की आशा है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल बहनगा में संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि अब की जांच में रेलवे एवं प्रशासनिक अधिकारियों से जो संकेत एवं इनपुट मिले हैं, उनके आधार पर आगे की जांच सीबीआई को देने का फैसला किया जा रहा है और रेलवे बोर्ड इस बारे में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को पत्र लिखेगा।

रेलवे के सूत्रों से कल यह पता चला था कि बहनगा बाज़ार स्टेशन पर रिले रूम खुला मिला था जो एक बहुत अहम संरक्षा चूक है। सामान्यत: रिले रूम सिगनल एवं टेलीकॉम (एस एंड टी) स्टॉफ के जिम्मे होता है लेकिन इसका ताले की दो चाबियां होतीं हैं। एक चाबी स्टेशन मास्टर के पास होती है और दूसरी चाबी एस एंड टी स्टॉफ के पास होती है।

नियम के अनुसार रिले रूम तब ही खोला जाता है जब कोई ट्रेन परिचालन नहीं हो रहा हो। यदि ट्रेन परिचालन के वक्त रिले रूम खोलने की जरूरत पड़े तो एस एंड टी स्टॉफ मूवमेंट ऑथोराइज़ेशन रजिस्टर में हस्ताक्षर कराया जाता है और लिखवाया जाता है कि रिले रूम खुले रहने की स्थिति में ट्रेन का सुरक्षित परिचालन हो सकता है। सूत्रों के अनुसार इस रेल दुर्घटना ने रेलवे की संरक्षा की सामान्य प्रक्रिया को लेकर लापरवाही को उजागर कर दिया है।

इस बीच रेलवे बोर्ड के संरक्षा विभाग के कार्यकारी निदेशक सभी ज़ोनल महाप्रबंधकों, कोंकण रेलवे एवं भारतीय समर्पित मालवहन गलियारा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों को पत्र लिख कर सिगनल संबंधी संरक्षा कार्यों के लिए एक अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसमें रिले रूम की दोहरी लाॅकिंग को सुनिश्चित करना और खोलने एवं बंद करने के पहले लॉग भरना एवं एसएमएस एलर्ट सुनिश्चित करना शामिल करना शामिल है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस दिशा में जो भी कमियां या अनियमितताएं पाईं जाएं, उन पर समुचित कार्रवाई करके 14 जून तक रेलवे बोर्ड को सूचना दी जाए।

इसी बीच दक्षिण मध्य रेलवे के सूत्रों से यह भी पता चला है कि गत आठ फरवरी को शाम को दक्षिण मध्य रेलवे के अंतर्गत बिरुर चिकजाजुर सेक्शन पर होसदुर्गा स्टेशन पर 12649 डाउन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस भी लोकाेपायलट की सतर्कता से इसी प्रकार के सिगनल की गड़बड़ी के कारण एक खाली मालगाड़ी से आमने सामने टकराने से बाल बाल बच गई थी।

इस घटना में अप मेन लाइन के लिए सिगनल था लेकिन कैंची या प्वांइट्स डाउन मेन लाइन के लिए लगे थे। लोकोपायलट ने जैसे ही देखा, उसने वैसे ही ब्रेक लगा दिए। यदि लोको पायलट सतर्क नहीं होता तो होसदुर्गा स्टेशन पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और मालगाड़ी में आमने सामने की भीषण भिड़ंत हो सकती थी। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों से इस घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी है और इस बारे में समुचित कार्रवाई की जा चुकी है।