जब प्रधानमंत्री मोदी दुधमुंही बच्ची से बोले, चल मेरे साथ दिल्ली

पकरिया (शहडोल)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उस समय एक अलग ही रंग में दिखे, जब वे एक दुधमुंही बच्ची को देख कर न केवल खिलखिला कर हंस पड़े, बल्कि बच्ची से अपने साथ दिल्ली चलने को भी कहने लगे।

अपने एकदिवसीय प्रवास पर मध्यप्रदेश के इस आदिवासीबहुल क्षेत्र में आए मोदी स्वसहायता समूह की आदिवासी महिलाओं (जिन्हें लखपति दीदी नाम दिया गया है) से संवाद कर रहे थे। इस खाट पंचायत में मोदी आदिवासी समुदाय की महिलाओं के बीच एक अलग ही रंग मेंं दिखाई दिए। स्वसहायता समूहों में काम करते हुए जिन महिलाओं की आय एक लाख रुपए से अधिक हो गई है, उन्हें लखपति दीदी नाम दिया गया है।

अपने संवाद की शुरुआत में उन्हाेंने कहा कि जिनको भी पीएम आवास योजना में घर मिल जाता है, वे महिलाएं भी लखपति हो जाती हैं। इसी दौरान मोदी एक महिला के पास पहुंचे और उसकी दुधमुंही बच्ची का हाथ पकड़ कर उसके साथ खेलने लगे। बच्ची जब प्रधानमंत्री को देख कर मुस्कुराई तो मोदी ने उससे पूछा कि क्या वो उन्हें पहचान गई। इसके बाद मोदी उस बच्ची से बोले कि चल आज मेरे साथ दिल्ली चल, चलेगी ना। इसके बाद वे दूसरी महिला से संवाद के लिए आगे बढ़ गए।

इसी संवाद के दौरान एक लखपति दीदी ने जब अपने पद बताते हुए अपनी जिम्मेदारियां बताईं तो श्री मोदी उससे बोले कि वो इतने काम कैसे कर पाती है। इसी क्रम में मोदी ने कहा कि वे तो इतने काम नहीं कर सकते, सिर्फ प्रधानमंत्री का ही काम कर पाते हैं वे। एक अन्य महिला ने जब मोदी के साथ संवाद की शुरुआत में उन्हें देखकर मुख्यमंत्री जी कह कर संबोधित कर दिया तो मोदी मुस्कुरा कर बोले कि वे (मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान) उधर खड़े हैं।

एक अन्य स्वसहायता समूह की अध्यक्ष महिला ने मोदी को अपने परिवार में आजीविका मिशन से जुड़े कार्य बताए तो प्रधानमंत्री मोदी बोले कि इतने कार्यों की बदौलत उनके परिवार की आय तो बहुत बढ़ गई होगी। इस पर महिला ने कहा कि अब उनका परिवार लगभग साढ़े चार लाख रुपए तक की वार्षिक आमदनी पा लेता है, तो मोदी खुशनुमा अंदाज में उससे बोले कि वो जरा जोर से बोले, ताकि इनकम टैक्स वाले भी उसकी बात सुन लें।

इसके पहले मोदी ने जनजातीय समुदाय के लोगों को प्राकृतिक खेती के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि एक गाय की मदद से तीन एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का एक यूट्यूब चैनल भी है, जिसमें इससे जुड़ी जानकारियां दी जाती हैं। उन्होंने जनजातीय समुदाय को मधुमक्खी पालन के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि शहरों में शहद की मांग बहुत बढ़ रही है।