भाजपा ने मंडावा से सांसद नरेंद्र कुमार को मैदान में उतारा

झुंझुनूं। राजस्थान में चुनावी आचार संहिता लगने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने झुंझुनूं जिले की सात सीटों में से चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

भाजपा ने मंडावा विधानसभा सीट पर मौजूदा सांसद नरेंद्र कुमार को मैदान में उतारा है। वहीं झुंझुनू सीट से निशित उर्फ बबलू चौधरी को टिकट दिया गया है। उदयपुरवाटी से शुभकरण चौधरी को फिर से मौका दिया गया है। नवलगढ़ से विक्रम जाखल को टिकट दिया गया है।

मंडावा विधानसभा सीट पर सांसद नरेंद्र कुमार ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रीटा चौधरी को चुनाव हराकर दूसरी बार विधायक बने थे। इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव में नरेंद्र कुमार को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया और नरेन्द्र कुमार झुंझुनू से सांसद बन गए थे।

इसके बाद मण्डावा के उप चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस की प्रधान सुशीला सीगड़ा को भाजपा में शामिल कर टिकट दिया था। उप चुनाव में कांग्रेस की रीटा चौधरी ने भाजपा की सुशीला सीगड़ा को चुनाव हराकर विधायक बनी थी।

वर्ष 2018 के चुनाव में झुंझुनूं सीट से बबलू चौधरी निर्दलीय चुनाव लड़ा था। बबलू चौधरी को 29410 हजार मत प्राप्त हुए थे। विक्रम सिंह जाखल ने भी नवलगढ़ से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था। विक्रम सिंह जाखल को 39259 वोट मिले थे। इस बार भाजपा ने विक्रम सिंह जाखल पर विश्वास जताया है।

वही उदयपुरवाटी से शुभकरण चौधरी 2018 का चुनाव बसपा प्रत्याशी राजेंद्र गुढ़ा से हार गए थे। शुभकरण दूसरे नंबर पर रहे थे। चौधरी को 53828 वोट मिले थे। वही 2013 के चुनाव में शुभकरण चौधरी उदयपुरवाटी से विधायक रहे थे। उन्होंने राजेन्द्र गुढ़ा को 11871 वोटों से चुनाव हराया था। इस बार फिर से भाजपा ने शुभकरण पर दावा खेला है। शिव सेना ने नहीं उतरा प्रत्याशी राजेन्द्र गुढ़ा को कांग्रेस से मंत्रिमंडल बर्खास्त करने के बाद उन्होंने शिवसेना का दामन लिया था।

हालांकि इससे एक बार तो उदयुपरवाटी सीट पर भाजपा का समीकरण गड़बड़ा गया था। क्योंकि चर्चा थी की भाजपा यह सीट शिवसेना के लिए खाली छोडेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा ने यहां से शुभकरण को टिकट दे दी है। शिव सेना ने राजेंद्र गुढ़ा को टिकट नहीं दिया है। अब देखना यह एक बार फिर राजेन्द्र गुढ़ा एवं शुभकरण आमने सामने होंगे। 2013 के चुनाव में शुभकरण चौधरी उदयपुरवाटी सीट से राजेन्द्र गुढ़ा को हरा चुके हैं। ऐसे में भाजपा ने एक बार फिर शुभकरण पर दांव लगाया है।