अजमेर उत्तर व दक्षिण में बनी शांति, आने वाले तूफान का संकेत तो नहीं

भीतरघात से खौफजदा भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी
अजमेर। अजमेर जिले की लगभग सभी विधानसभा सीटों पर टिकट वितरण के बाद भाजपा व कांग्रेस में उपजे राजनीतिक असंतोष तथा नाम वापसी के अंतिम दिन तक अधिकतर निर्दलीय और बागियों की फौज चुनावी रण में बने रहने से अब मुख्य प्रत्याशियों के बीच हार व जीत के समीकरणों में खासे उलटफेर हो सकते हैं।

यूं तो अजमेर में मुख्य दो प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच होने वाले मुकाबले की परंपरा रही है। लेकिन बसपा, एलजेपी, सरीखे दलों ने भी प्रत्याशी उतार कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। प्रत्याशियों की संख्या बढने से चुनावी रण क्षेत्र की फिजां बदल चुकी है। राजनीतिक दलों का संगठनात्मक स्वरूप छिन्न भिन्न होता दिख रहा है। आलाकमान के रहमों करम पर निर्भर कांग्रेस और कैडर बेस होने का दावा करने वाली बीजेपी भी अपनों की करतूतों से स्तब्ध है। रूठे और बागियों की जिद जीत के सपने को सच साबित होने में सबसे बडी बाधा बन गई है। टिकट के दावेदार रहे नेता अपने दल के प्रत्याशी का कितना साथ देंगे यह सवाल उठ खडा हुआ है। भीतरघात की आशंका से भाजपा और कांग्रेस का आत्मविश्वास डगमगा रहा है।

अकेले अजमेर उत्तर की बात करें तो उम्रदराज वासुदेव देवनानी 5वीं बार भाजपा की तरफ से कमल खिलाने को लेकर प्रचार में जुटे है। हालांकि निर्दलीय खम ठोंक रहे ज्ञान सारस्वत अपनी ईमानदार छवि के बूते जनता के उम्मीदवार होने की छवि को भुना रहे हैं। कांग्रेस में टिकट वितरण में विलंब होने से प्रचार की दृष्टि से महेन्द्र सिंह रलावता फिलहाल गति बढाने में जुटे हैं। टिकट के अन्य दावेदारों को मनाकर अपने साथ लाने की उनकी कवायद का असर होने लगा हे। हालांकि अंदरखाने कौन कितना साथ निभाएगा इसकों लेकर सवाल जस का तस कायम है।

अजमेर दक्षिण विधानसभा सीट पर टिकट ना मिलने से खफा होकर निर्दलीय के रूप में पर्चा दाखिल करने वाले हेमन्त भाटी के नाम वापस ले लेने से भाजपा प्रत्याशी अनीता भदेल और कांग्रेस की द्रोपदी देवी के बीच सीधा मुकाबला होना तय हो गया है। भदेल जहां लगातार हो रही जीत के चलते इस बार भी आश्वस्त हैं वहीं द्रोपदी देवी पार्टी कार्यकर्ताओं के बूते सीधी टक्कर दे रही हैं। अनीता भदेल को लेकर शुरुआत दौर में उठा विरोध का गुबार शांत हो चुका है। लेकिन माली वोटों में बिखराव उनके लिए चिंता का कारण बन सकता है। दक्षिण में जातिगण मतों का बंटवारा चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार ने जोर पकडा

राजस्थान विधानसभा चुनाव में अजमेर जिले की समस्त सीटों पर नामांकन वापसी के साथ प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार को तेज कर दिया है। राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने में कोई कसर बाकी नही छोड रहे।

अजमेर उत्तर क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार वासुदेव देवनानी हर दिन अपने क्षेत्र में प्रचार के लिए निकल रहे हैं। उन्हें भाजपा और जनसंघ के प्रति निष्ठा रखने वाले मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है। देवनानी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनियाभर में भारत का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में भाजपा सरकार को मजबूत कर देंगे तो केंद्र ओर मजबूत होगा। इस बार अजमेर जिले की आठों विधानसभा सीटों पर भाजपा को जिताना है।

इसी प्रकार दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की उम्मीदवार अनीता भदेल घर घर दसतक दे रही हेैं। भदेल ने कहा कि अपने विधानसभा क्षेत्र की सेवा करते हुए उन्हें 20 साल से अधिक हो गए। प्रदेश में अजमेर शहर की अलग से पहचान बने यह लक्ष्य है।

नसीराबाद से रामस्वरूप लांबा, किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी, ब्यावर से शंकर सिंह रावत, मसूदा से वीरेन्द्र सिंह कानावात, पुष्कर से सुरेश सिंह रावत, केकड़ी से शत्रुघन गौतम गांव ढाणियों तक पहुंचकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं।

निर्दलीय पत्रकार विनोद गौतम मैदान में डटे

अजमेर दक्षिण से पत्रकार विनोद गौतम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है तथा चुनावी मैदान में डटे हैं। अपनी बेबाक लेखनी, चुनावी समर में जनता को वोट की महत्ता समझा कर उन्हें अपने पक्ष में करने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि काफी मंथन और सोच समझकर चुनाव लडने का फैसला लिया है। राजनीतिक दलों की तरह उनके पास धन बल व संगठन भले ही ना हो पर आमजन और शुभ चिंतकों का मिल रहा स्नेह अनमोल है। अजमेर दक्षिण ही नहीं बल्कि समूचे अजमेर का विकास हो यही लक्ष्य लेकर चुनाव लड रहे हैं।

मेवालाल जादम वोले 36 कौम का साथ मिलेगा

अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से अंबेडकर राइटस पार्टी के प्रत्याशी रोडवेज से सेवानिवृत मेवालाल जादम अपने चुनाव चिन्ह कोट पर वोट देने की अपील करते हुए सुबह से ही प्रचार में जुट जाते हैं। समाजसेवी के रूप में अपनी पहचान के बूते वे माली समाज के साथ साथ अन्य वर्गों में भी पहचान बनी होने से पूरे मनोयोग से प्रचार कार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने का कि हर धर्म, जाति व 36 कौम को साथ लेकर चलता रहा हूं तथा भविष्य में भी सबसे भरोसे पर खरा उतरूंगा। अजमेर उत्तर की जनता की हर परेशानी को दूर करना मुख्य लक्ष्य है।

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