राजस्थान में नए उन्नीस जिलों के गठन की अधिसूचना जारी

जयपुर। राजस्थान सरकार ने नए उन्नीस जिलों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी हैं। राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में अधिसूचना को मंजूरी देकर नवगठित जिलों के सीमांकन की प्रक्रिया को अंतिम रुप दिया गया। बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बटन दबाकर अधिसूचना को जारी किया।

गहलोत ने कहा कि सात अगस्त को इन नए जिलों की विधिवत स्थापना की जाएगी। उस दिन सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में जाकर वहां सर्वधर्म प्रार्थना सभा में शामिल होंगे। इस दौरान भारतीय परंपरा एवं संस्कृति के अनुसार पूजा पाठ किए जाने के बाद नए जिलों की विधिवत स्थापना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कहा कि भौगोलिक रूप से जिले बड़े होते हैं तब कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक चाह कर भी प्रत्येक इलाके में नहीं जा पाते हैं। कहीं जगह तो लोगों को अपनी समस्या के निराकरण के लिए 200 किलोमीटर दूर से जिला मुख्यालय आना पड़ता है ऐसे में उनकी सुविधा के लिए नए जिलों का गठन किया गया, जिससे काम आसान एवं जरूरी काम में देरी नहीं हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नवीन जिलों से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी तथा आमजन की सुगमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि नवीन जिलों के गठन से विकास संबंधी योजनाओं की क्रियान्विति तथा मोनिटरिंग और अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगी, जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं, सुविधाओं और सेवाओं का लाभ शीघ्र मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों तक सरकार की पहुंच और अधिक सुगम होगी, जिससे इनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण हो सकेगा। राजस्व एवं दीवानी न्यायालयों की दूरियां घटने से इनमें लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण हो सकेगा तथा कानून व्यवस्था पर अधिक प्रभावी नियंत्रण हो पाएगा।

अत: आमजन का जिला प्रशासन एवं सरकार से संवाद बढेगा, जिससे जन अभाव अभियोगों का निराकरण और शीघ्रता एवं सुगम रुप से हो सकेगा। इन नवीन जिलों का गठन राज्य द्वारा प्रदान किए जा रहे सुशासन को और अधिक गति देने में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे जिलों में विकास होगा, योजनाएं बनेगी और निवेश भी होगा।

गहलोत ने कहा कि नए जिलों के लिए दो हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इन जिलों के गठन से हम छोटे जिलों का अनुभव लेंगे। इसके आधार पर आगे भी नए जिले बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास किया है और शुरुआत कर 19 जिलों का गठन किया गया है और वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश में नम्बर वन राज्य बनाने का सपना देख रहे हैं और इसे किस प्रकार से यहां तक पहुंचाया जाए।

इसके लिए सभी से सुझाव आमंत्रित हैं। उन्होंने बताया कि नए जिलों के गठन के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति का कार्यकाल छह महीने बढ़ाया दिया गया है और अब और नये जिलों के गठन के बारे में समिति की रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा की पालना में गत 21 मार्च को नए जिले बनाने के सबंध में आवश्यकता का आकलन कर अभिशंषा देने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस रामलुभाया की अधयक्षता में उच्च स्तरीय समित गठित की गई थी। समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर बजट 2023-24 में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के समय गत 17 मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में संवेदनशील, पारदर्शी प्रशासन की सरकार की प्रतिबद्धता की दिशा में कदम उठाते हुए 19 नवीन जिलों एवं तीन नवीन संभागों के गठन की घोषणा की गई थी।

समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री द्वारा जिलों की घोषणा के बाद विभिन्न जिलों के सीमांकन के सबंध् में जनप्रतिनिधियों, आमजन एवं विभिन्न संगठनों से जिलों की सीमाओं के संबंध में अभ्यावेदन प्राप्त हुए। अंतरिम रिपोर्ट के बाद समिति एवं राज्य सरकार को प्राप्त प्रतिवेदनों के परीक्षण के उपरांत समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट गत दो अगस्त को राज्य सरकार को प्रस्तुत की थी। समिति की रिपोर्ट पर शुक्रवार को मंत्रीमंडल बैठक में विचार विमर्श हुआ और इसके बाद मंत्रिमंडल ने समिति की अनुशंषा का अनुमोदन कर दिया।

जिन नए जिलों की अधिसूचना जारी की गई उनमें अनूपगढ़, बालोतरा, ब्‍यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, केकड़ी, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीमकाथाना, फलौदी, सलूम्‍बर, सांचौर एवं शाहपुरा शामिल हैं। इन नए जिलों के साथ ही राजस्थान में अब 50 जिले हो गए हैं।

नवीन जिलों के गठन के लिए वर्तमान 18 जिलों का पुनर्गठन भी किया गया हैं। समिति की रिपोर्ट के आधार पर वर्तमान जयपुर संभाग में से सीकर, जोधपुर संभाग में से पाली एवं उदयपुर संभाग में से बांसवाड़ा नये संभाग का गठन किया गया है।