मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बैंकों में निष्क्रिय खातों में पड़े धन के त्वरित भुगतान की एक योजना बुधवार से शुरू हो गई है और यह एक साल तक चलाई जाएगी।
यह योजना बैंकों के ग्राहकों को अपने निष्क्रिय खातों को दोबारा सक्रिय करने और बिना दावे वाले खातों में पड़ी धनराशि को उसके हकदार लोगों को दिलाने के केंद्रीय बैंक के प्रयासों का हिस्सा है। आरबीआई इसके लिए जनजागरूकता अभियान चल रहा है।
आरबीआई की एक विज्ञप्ति के अनुसार ऐसी पहल के माध्यम से जनता को अपने निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने और बैंकों से अपनी दावा न की गई जमाराशि का दावा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
केंद्रीय बैंक ने कहा है,”इस प्रयास में, बैंकों को ग्राहकों और जमाकर्ताओं से उनके निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करने और जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता (डीईए) कोष में पड़ी उनकी दावा न की गई राशि वापस प्राप्त करने का सक्रियता से प्रयास करने को प्रोत्साहित करने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘त्वरित भुगतान – निष्क्रिय खाते और दावा न की गई जमाराशि के भुगतान को सुगम बनाने की योजना’ की घोषणा की है।
इस योजना का उद्देश्य दावा न की गई जमाराशियों के स्टॉक को कम करना और डीईए कोष में नए प्रवाह को बढ़ाना है। यह अभियान एक वर्ष की अवधि के लिए, पहली अक्टूबर 2025 से शुरू किया जा रहा है।