कर्नाटक की कमान कांग्रेस के हाथ, दक्षिण का एकमात्र राज्य भाजपा से खिसका

बेंगलूरु। अगले साल के आम चुनाव से पहले की महत्वपूर्ण चुनावी लड़ाई में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध कर्नाटक में बड़ी जीत दर्ज की है। पार्टी ने 224 सदस्यीय विधानसभा सीट में 136 सीट जीत कर एक नया इतिहास कायम किया है और इसके साथ ही पार्टी केन्द्र में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की लामबंदी के प्रयासों के केन्द्र में आ गई लगती है।

दस मई के चुनाव के शनिवार को हुई गणना में भाजपा 65 सीटों पर सिमटने के साथ सत्ता से बाहर हो गयी है। देवगौड़ा परिवार के नेतृत्व में राज्य की राजनीति में लंबे समय तक प्रभावशाली भूमिका निभाने वाली जनता दल सेकुलर (जेडीएस) को वोट और सीट के हिसाब से बड़ा नुकसान उठाना पड़ा और पार्टी इस बार केवल 19 सीट पर सिमट गई।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस जीत को कर्नाटक की जनता की जीत बताया और कहा कि राज्य में लड़ाई सांठगांठ से काम करने वाले पूंजीपतियों की ताकत और गरीब जनता की शक्ति के बीच थी। ताकत के आगे शक्ति जीत गई।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस को जीत की बधाई देते हुए उसे कर्नाटक की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शुभकामना दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा है कि पार्टी हार के कारणों की समीक्षा करेगी लेकिन यह कार्यकर्ताओं के लिए कोई घबराने वाली, निराश या हताश होने वाली बात नहीं है।

भाजपा ने जुलाई 2021 में दियुरप्पा के नजदीकी लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई को राज्य सरकार की कमान सौंपी थी और उसे उम्मीद थी कि वह दुबारा सत्ता में आकर दक्षिण में एक नया इतिहास रचेगी। पार्टी ने इस बार 72 नए लोगों को टिकट दिया था जिसकी वजह से पार्टी में कुछ असंतोष हुआ था और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार जैसे लिंगायत नेता कांंग्रेस में चले गए थे।

अगले वर्ष के आम चुनाव से पहले यह विपक्ष का मनोबल बढ़ाने वाला राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है और इससे कांग्रेस सबसे अधिक उत्साहित है। पार्टी नेता उम्मीद जता रहे हैं कि अगले आम चुनाव के बाद पार्टी केन्द्र में सरकार का नेतृत्व कर सकती है और पार्टी नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर शनिवार को 2025 बजे मतगणना की स्थिति के अनुसार कांग्रेस 134 सीटों पर जीत चुकी थी और दो पर उसके प्रत्याशी आगे चल रहे थे। भाजपा को 64 सीटों पर विजय मिली थी और एक सीट पर उसका प्रत्याशी आगे था। इस तरह भाजपा 2018 के चुनाव वाला प्रदर्शन दोहराने में विफल रही है, जबकि पार्टी 104 सीटें जीत कर सबसे बड़ा दल बनी थी।

इस चुनाव में देवगौड़ा परिवार के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) को भी करारा झटका लगा है और उसकी सीटें तथा वोट हिस्सेदारी काफी कम हुई है। आयोग के अनुसार जेडीएस को 14 सीटों पर जीत मिल चुकी है और छह सीटों पर उसकी बढ़त है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 80 और जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं। दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार सफल हुए हैं।

कल्याण राज्य प्रगति पक्ष को एक सीट मिली है और एक सीट सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के खाते में गयी है। मतगणना के रुझानों के अनुसार कांग्रेस को कुल मत में 42.89 प्रतिशत, भाजपा को 35.99 प्रतिशत, जेडीएस को 13.30 प्रतिशत वोट मिले थे।

वर्ष 2018 में कुल पड़े मतों में कांग्रेस को 38.14 प्रतिशत, भाजपा को 36.35 प्रतिशत और जेडीएस को 16.3 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी की इस जीत को कर्नाटक की जनता की जीत बताते हुए कहा है कि आगे दूसरे राज्यों में भी इसी तरह के नतीजे आएंगे।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने चुनाव परिणाम पर खुशी जताते हुए उम्मीद जतायी है कि अगले साल आम चुनाव में विपक्षी दल एकजुट होंगे तथा कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि वह जनता के फैसले का स्वागत करते हैं और विपक्ष की भूमिका निभायेंगे।

येदियुरप्पा ने कहा की कार्यकर्ताओं को दुखी होने की जरूरत नहीं है, घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हार-जीत भाजपा के लिए बड़ी बात नहीं है, भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर मंथन करेंगे।

कर्नाटक विस चुनाव में कई दिग्गजों को जीत और कई प्रमुख नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शिगगांव सीट पर कांग्रेस के पठान यासिर हमेद खान को करीब 36 हजार वोट से हराया। बोम्मई को 100016 और उनके निकटतम प्रतिद्वंदी खान को 64,038 वोट मिले।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस प्रत्याशी सिद्दारमैया ने वरुण सीट से भाजपा के मंत्री वी सोमना को करीब 46 हजार से अधिक वोट से मात दी। सिद्दारमैया को 1,19,816 और सोमना को 73,653 वोट मिले। कनकपुरा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने भाजपा के आर अशोक को 1.24 लाख वोट के भारी अंतर से हराया। शिवकुमार को 1,43,023 और अशोक को 19753 वोट मिले।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र एवं कांग्रेस उम्मीदवार प्रियांक खड़गे ने चित्तपुर सीट से भाजपा के मणिकांत राठौर को करीब 11 हजार वोट से शिकस्त दी। प्रियांक को 81,323 और राठौर को 67,683 वोट मिले।

पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत समाज के बड़े नेता बी एस येदियुरप्पा के पुत्र एवं भाजपा उम्मीदवार विजयेंद्र येदियुरप्पा ने शिकारीपुरा सीट पर निर्दलीय नागराज गौड़ा को करीब 11 हजार वोट से हराया। विजयेंद्र को 81,810 और उनके प्रतिद्वंदी को 70,802 वोट मिले।

कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरजेपीपी) के अध्यक्ष जी जनार्दन रेड्डी ने गंगावती सीट से कांग्रेस के इकबाल अंसारी को आठ हजार से अधिक वोट से मात दी। रेड्डी को 66,213 और अंसारी को 57,947 वोट मिले।

विधानसभा अध्यक्ष एवं भाजपा प्रत्याशी विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी सिरसी सीट से कांग्रेस के भीमन्ना टी नाइक से आठ हजार से अधिक वोट से हार गए। नाइक को 76,887 और हेगड़े को 68,175 वोट मिले।

भारतीय जनता पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से चुनाव हार गए हैं। शनिवार को हुई मतगणना में शेट्टार को भाजपा के महेश तेंगिनाकाई ने करीब 35 हजार वोट से हराया है। तेंगिनाकाई को 95,064 और शेट्टार को 60,775 वोट मिले। चिकमगलूर सीट से भाजपा के उम्मीदवार सीटी रवि को कांग्रेस के एचडी थम्मैया ने करीब छह हजार वोट से हराया। थम्मैया को 85,054 और सीटी रवि को 79,128 वोट मिले।

अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले महत्वपूर्ण माने जा रहे कर्नाटक के चुनाव में तीनों प्रमुख दलों भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस ने पूरी ताकत लगा रखी थी। इस चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने चप्पे-चप्पे पर प्रचार किया। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बड़ी सभायें की।

भाजपा के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी पूरे जोरशोर से पार्टी का अभियान चलाया।