उपराज्यपाल मेरे हेडमास्टर नहीं हैं, जनता ने मुझे सीएम बनाया है : केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को विधान सभा में कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल उनके हेडमास्टर नहीं हैं जो उनका होमवर्क जांचें बल्कि वह उन लोगों के प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना है।

केजरीवाल ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल मेरे हेडमास्टर नहीं हैं जो मेरा होमवर्क जांचे, मैं उन लोगों का प्रतिनिधि हूं जिन्होंने मुझे दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना है।

उन्होंने कहा कि हम शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को फिनलैंड भेजना चाहते हैं, लेकिन उपराज्यपाल ने दो बार इस पर आपत्ति जताकर फाइल वापस कर दी। इससे पता चलता है कि वह फिनलैंड में शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं दिल्ली के बच्चों को वैसी ही शिक्षा देना चाहता हूं जैसी मैंने अपने बच्चों को दी। हमने विदेश में प्रशिक्षण के लिए 1000 से अधिक शिक्षकों को भेजा। शिक्षकों के फिनलैंड जाने से संबंधित सारी फाइलें उपराज्यपाल के पास जा रही हैं।

केजरीवाल ने कहा कि समय बहुत बलवान है, दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। यदि कोई यह सोचता है कि उसकी सरकार हमेशा चलती रहेगी यह संभव नहीं है। आज, दिल्ली में हमारी सरकार है और उनके उपराज्यपाल है तथा वे केंद्र में हैं लेकिन यह कोई नहीं जानता, हो सकता है कि कल केंद्र में हमारी सरकार हो और हमारे एलजी हों। हम वह नहीं करेंगे जो वे कर कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में वायसराय कहा करते थे कि तुम भारतीयों को शासन करना नहीं आता। आज, एलजी उसी शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं और कह रहे हैं, आप दिल्ली वालों को शासन करना नहीं आता।

उन्होंने कहा कि मैंने उपराज्यपाल से पूछा कि किस कानून में लिखा है कि आप लागत-लाभ विश्लेषण कर सकते हैं? इसका कोई जवाब नहीं। मैंने उनसे फिर पूछा कि एल्डरमैन की नियुक्ति कैसे हुई? उन्होंने कहा कि मैं प्रशासक (एडमिनिस्ट्रेर) हूं।

आप नेता एवं विधायक आतिशी ने सदन में कहा कि भाजपा गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के खिलाफ है। वह चाहती है कि बच्चे व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में पढ़ें। हमने दिल्ली में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए बजट बढ़ाया है। शिक्षकों को फिनलैंड-सिंगापुर जैसे देशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। इससे 18 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।