लाल डायरी के अगले पन्नों में भाजपा नेताओं के नाम : हनुमान बेनीवाल

जयपुर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनवाल ने बहुचर्चित लाल डायरी का जिक्र करते हुए कहा है कि प्रदेश में लाल डायरी का मुद्दा इसलिए बंद हो गया कि उसके पहले दो पन्नों पर कांग्रेस के नेताओं का नाम था जबकि अगले पन्नों पर भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं का नाम था जो मुख्यमंत्री टच में थे।

बेनीवाल रविवार को यहां विद्याधर नगर स्टेडियम में रालोपा के पांचवें स्थापना दिवस एवं पार्टी की सत्ता संकल्प यात्रा के समापन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा के नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मदद नहीं की होती तो गहलोत सरकार गिर जाती।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाल डायरी का मुद्दा बंद क्यों हो गया, क्योंकि लाल डायरी के पहले दो पन्नों पर कांग्रेस के नेताओं के नाम थे जबकि उसके अगले पन्नों पर भाजपा के उन नेताओं का नाम थे जो मुख्यमंत्री के टच में थे।

उन्होंने कहा कि उनका भाजपा के साथ गठबंधन था लेकिन भाजपा सरकार ने किसानों के खिलाफ कृषि कानून ले आई और उन्हें आखिर किसानों के पक्ष में फैसला लेकर केन्द्र सरकार के विरुद्ध सड़क पर उतरना पड़ा और देश के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ को जाम कर दिया गया। जिससे बाद में सरकार को झुकना पड़ा और वे कानून वापस लेने पड़े।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भगवान देवनारायण मंदिर में लिफाफे का जिक्र करते हुए कहा कि हम जैसे छोटे-मोटे एमपी एमएलए भी जहां भी मंदिरों में जाते हैं पांच हजार रुपए देते हैं, लेकिन मोदी ने देवनारायण मंदिर में केवल इक्कीस रुपए देकर भगवान के साथ मजाक किया।

बेनीवाल ने कहा कि उनका गठबंधन किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी, कृषि के लिए मुफ्त बिजली, सशक्त लोकायुक्त,अपराध एवं भय मुक्त राजस्थान, स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दिलवाने जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव में जनता की बीच जा रहा हैं।

उन्होंने कहा कि रालोपा और असपा का गठबंधन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और सर छोटूराम चौधरी के गरीब, दलित और किसानों के उत्थान के सपने को साकार करने के लिए हुआ है और यह गठबंधन प्रदेश के बेहतर भविष्य का निर्माण करेगा।

उन्होंने कहा कि रालोपा ने अभी तो अपने पहली सूची में केवल दस उम्मीदवारों के नामों की ही घोषणा की है और उसी से दूसरी पार्टियों में हलचल मच गई। उन्होंने दावा किया इनमें उनके नौ प्रत्याशी जीत रहे हैँ।

इस अवसर पर आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में रालोपा-असपा गठबंधन के बिना राजस्थान में किसी की सरकार नहीं बनने वाली है।उन्होंने कहा कि यह हमारा गठबंधन दलित और जाट के बीच का गठबंधन नहीं है, यह शोषित, वंचित, दलित, पीड़ित और हर उस व्यक्ति का गठबंधन है जो आगे बढ़ना चाहता है और जिसे आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में गुमराह नहीं होना है।