राजस्थान में नए तेल डिपो स्थापित होने पर कम हो सकती हैं पेट्रोल और डीजल की कीमतें : धारीवाल

जयपुर। राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शान्ती कुमार धारीवाल ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा राजस्व पर प्रभाव के मद्देनजर आवश्यक होने पर ही वैट की दरों के संबंध में निर्णय किया जाएगा।

धारीवाल ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का वित्त मंत्री की ओर से जवाब देते हुए कहा कि तेल डिपो से पेट्रोल पम्‍प की दूरी अधिक होने का असर डीजल एवं पेट्रोल की कीमतों पर होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समुचित जगहों पर नए डिपो स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार तथा तेल कंपनियों को अलग-अलग समय पर पत्र लिखा गया है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले के बीच अन्य राज्यों की तुलना में दूरी काफी अधिक है। तेल कम्पनियों द्वारा यहां की दूरियों को ध्यान में रखते हुए समुचित संख्या में डिपो स्थापित नहीं करने के कारण पेट्रोल एवं डीजल के परिवहन की कीमत बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि गंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू में तेल की आपूर्ति जोधपुर डिपो से होती है। यदि इन जिलों के निकट डिपो स्थापित किया जाए तो परिवहन की लागत कम आएगी और तेल की कीमतें भी कम होगी।

इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री ने विधायक सतीश पूनिया के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि यह सही नहीं है कि सीमावर्ती राज्यों में डीजल एवं पेट्रोल पर वैट की दर कम होने के कारण प्रदेश के सीमावर्ती जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, चूरू में डीजल एवं पेट्रोल की बिक्री लगातार कम हो रही है। उन्होंने गत तीन वर्षों में इन जिलों से प्राप्‍त राजस्‍व का विवरण सदन के पटल पर रखा।

उन्होंने बताया कि पेट्रोल व डीजल की कीमतें अनेक कारकों पर निर्भर करती हैं जिनमें वैट केवल एक कारक है। प्रत्‍येक राज्‍य में डीजल एवं पेट्रोल की कीमतें डिपो से पेट्रोल पम्‍प की दूरी के अनुसार अलग-अलग होती हैं अत: राज्‍यवार तुलना संभव नहीं हैं। अन्‍य राज्‍यों की कीमतों का डाटा भी विभाग द्वारा संधारित नहीं किया जाता है। धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार वैट के राजस्व पर प्रभाव को देखते हुए आवश्यक होने पर समयानुसार यथोचित निर्णय करेगी।