कवयित्री तृप्ति पाण्डेय की पुस्तक ‘मन जीत जा रे’ काव्य संग्रह का विमोचन

पाली। कवयित्री तृप्ति पाण्डेय के काव्य संग्रह मन जीत जारे का विमोचन भालेलाव रोड स्थित वंदेमातरम एकेडमी में पद्यश्री डा. अर्जुनसिंह शेखावत, अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान क्षेत्रीय संगठनमंत्री डा.विपिन चंद्र पाठक, भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, केन्द्रीय हिंदी संस्थान आगरा गवर्निंग काउंसिल सदस्य प्रो. नरेन्द्र मिश्र, अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक सेवानिवृत नूतनबाला कपिला, सतरंगा बचपन संपादक सत्यदेव संवितेन्द्र, वरिष्ठ साहित्यकार आशा पाण्डेय, निदेशक राजेन्द्र सिंह भाटी, वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अरोड़ा, डा.शिवेश प्रताप सिंह, अरविंद मिश्र, माता शैल चतुर्वेदी के सान्निध्य में हुआ।

वरिष्ठ साहित्यकार आशा पाण्डेय ओझाा ने बताया कि मन जीत जा रे काव्य संग्रह राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित हुआ है। प्रो.संजय द्विवेदी ने कहा कि प्रकृति के प्रति कवयित्री का अगाध प्रेम हर कविता में छलकता है। प्रकृति का मानवीकरण करने में भी उनकी लेखनी कुशल है। मानवता के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना भी वह नहीं भूलतीं और सामाजिक समरसता स्थापित करने का कर्तव्य भी सच्चे कवि की तरह निभातीं हैं।

प्रो.डा. नरेन्द्र मिश्र अनुसार तृप्ति पाण्डेय की कविताएं भावपूर्ण, युगबोध को प्रकट करने वाली तथा मानव मन की अनेक संवेदनाओं को झकझोर देने वाली हैं। आशा पाण्डेय ओझा ने कहा यह कविता संग्रह आम जनमानस के जीवन शैली की कविताओं का संग्रह है क्योंकि क्लिष्टता से दूर इस संग्रह की भाषा शैली सरल सहज तथा भाव-भूमि गहन है।

सत्यनारायण राजपुरोहित ने कहा संग्रह में प्रतीक एवं बिंबों के माध्यम से कवितायें गागर में सागर भरने का कार्य करतीं हैं। कवि मनीष कुमार ने कहा कि कवयित्री देश के जाने माने बाल साहित्यकार पं. विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी की पुत्री हैं और लेखनी के गुण उन्हें विरासत में मिले है। लेखिका तृप्ति पाण्डेय ने कहा पिताजी की पुण्यतिथि के अवसर पर काव्यसंग्रह उन्हें सादर समर्पित है। इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।