पीएसएलवी-सी 56 ने सिंगापुर के सात उपग्रहों को किया सफलतापूर्वक प्रक्षेपित

चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन में अपने सबसे ताकतवर प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी-सी56 के माध्यम से रविवार को श्रीहरिकोटा की एसएचएआर रेंज के स्पेसपोर्ट से प्राथमिक पेलोड डीएस-एसएआर (एक रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन) उपग्रह सहित सिंगापुर के सात उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।

इसरो ने ट्वीट कर कहा कि पीएसएलवी-सी56/डीएस-एसएआर मिशन पूरी तरह पूरा हुआ। साढ़े पच्चीस घंटे की उलटी गिनती के बाद, 228 टन वजन उठाने वाले 44.4 मीटर लंबे चार चरण वाले वाहन ने 0630 बजे प्रथम लॉन्च पैड से शानदार ढंग से उड़ान भरी।

पीएसएलवी -सी56/डीएस-एसएआर, एसटी इंजीनियरिंग, सिंगापुर के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। लगभग 25 मिनट की उड़ान अवधि के बाद, सभी सात उपग्रहों को सटीक कक्षा में स्थापित किया गया।

पीएसएलवी-सी56 ने 21 मिनट की उड़ान अवधि के बाद सबसे पहले प्राथमिक पेलोड, डीएस-एसएआर (एक 360 किलोग्राम रडार इमेजिंग पृथ्वी अवलोकन उपग्रह) को 5 डिग्री झुकाव और 535 किमी ऊंचाई पर एक निकट-भूमध्यरेखीय कक्षा (एनईओ) में स्थापित किया।

बाद में चार मिनट की अवधि में सिंगापुर के सभी छह सह-यात्री उपग्रह- न्यूलियन, ओआरबी-12 स्ट्राइडर, गैलासिया-2, स्कूब- द्वितीय, आर्केड और वेलॉक्स-एएम को उसी क्रम में कक्षा में स्थापित किया गया। एसडीएससी-श्रीहरिकोटा से यह इसरो का 93वां मिशन है। इसके साथ ही इसरो अब तक 531 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है।

पीएसएलवी-सी56 किसी एक विदेशी ग्राहक के लिए चौथा समर्पित प्रक्षेपण है। पीएसएलवी-सी56 को सी 55 के समान स्ट्रैप-ऑन मोटर्स के बिना, इसके कोर-अलोन मोड में कॉन्फ़िगर किया गया है। यह पीएसएलवी की 58वीं और इसके कोर अलोन कॉन्फ़िगरेशन की 17वीं उड़ान है।

इसरो ने कहा कि सभी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के बाद रॉकेट के ऊपरी चरण (चौथे चरण) को इसकी कम कक्षीय जीवन सुनिश्चित करने के लिए निचली कक्षा में रखा जाएगा। पीएस4 को बायीं ओर का उपयोग करके 300 गुणा 300 किमी की निचली पृथ्वी वृत्ताकार कक्षा में ले जाया जाएगा।

मिशन के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने कहा कि प्राथमिक उपग्रह डीएस-एसएआर सहित सभी सात 7 उपग्रहों को पीएसएलवी-सी56 द्वारा सटीक कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि मैं इस मिशन के लिए और इसरो में लगातार विश्वास बनाए रखने के लिए सिंगापुर सरकार और एनएसआईएल के ग्राहकों को बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि इस बार हमें यह बिल्कुल सही कक्षा मिली है। उन्होंने कहा कि इसरो के पास इस मिशन का और भी रोमांचक चरण होगा। सोमनाथ ने कहा कि पीएसएलवी सी56 का चौथा चरण (पीएस4), जो अब 535 किमी की गोलाकार कक्षा में है, को 300 किमी की निचली कक्षा में वापस लाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हम इसे नियंत्रित तरीके से लो अर्थ सर्कुलर पर लाएंगे और इसमें लगभग डेढ़ घंटे का समय लगेगा। सोमनाथ ने कहा कि इसरो अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में एक और पीएसएलवी मिशन के साथ वापस आएगा। उन्होंने कहा कि अगले साल की शुरुआत में पीएसएलवी का औद्योगीकरण किया जाएगा और उन्होंने इस साल के लिए आगामी मिशनों की घोषणा की।