आस्था का संघर्ष था जन्मभूमि आन्दोलन : साध्वी ऋतम्भरा

लखनऊ। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने अयोध्या के लिए निकलीं साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि भगवान राम मन्दिरों की सत्ता से परे हैं और यह लड़ाई राम की नहीं अपितु हमारी आस्था की लड़ाई थी।

उन्होने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन भाजपा, सपा और कांग्रेस की लड़ाई नहीं थी। यह भारतीय समाज का अपने आराध्य के लिए पांच सौ साल तक किया गया संघर्ष है। इसलिए राजनीतिक दल इसे पार्टी की लड़ाई न बनाए बल्कि उत्सव मनाए।

लखनऊ में विधायक डा. नीरज बोरा के आवास पर रुकीं साध्वी का अयोध्या प्रस्थान के पूर्व ढोल, नगाड़े, पुष्प वर्षा और आतिशबाजी के साथ मड़ियांव, पुरनिया, कपूरथला सहित नगर में विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया।

शुक्रवार को सीतापुर रोड स्थित सेवा अस्पताल परिसर में साध्वी ऋतम्भरा ने अपने स्वागत में एकत्र हुए लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राम आधार हैं और इतने बड़े संघर्ष के सागर को पार करने की नौका हैं। हमने कुछ नहीं किया केवल हिन्दू स्वाभिमान के सचेतक की भूमिका निभाई।

साध्वी ने कहा कि उस समय तत्कालीन सरकार द्वारा कीर्तन करते निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाकर संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाई गई थीं। हम लोगों ने मन्दिर के लिए आन्दोलन किया, कष्ट झेले, आरोपी बने, जहर पिया। भारत की मूल प्रकृति में राम और कृष्ण हैं, भारत की परम्परा और उसकी जड़ों को सींचकर ही राजनीति होनी चाहिए क्योंकि राजनीति सत्य को स्थापित करने का साधन है। इस अनुष्ठान को पूरा करने के लिए सन्तान भाव का होना जरुरी है।