लोक देवता बाबा रामदेव के 639वें भादवा मेले का आगाज

जैसलमेर। देश विदेश में करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक और सामाजिक समरसता के प्रणेता लोक देवता बाबा रामदेव के 639वें भादवा मेले का आगाज जैसलमेर जिले में बाबा रामदेव की कर्मभूमि रामदेवरा में रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में हुआ।

भादवा सुदी दूज से शुरु हुए देश के प्रसिद्ध अंतरराज्यीय इस मेले के पहले दिन रविवार को घंटों इंतजार के बाद लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा रामदेव मंदिर में दर्शन किए। भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार बाबा रामदेव के इस भव्य मेले भादवा मेले की शुरुआत सुबह बाबा रामदेव की समाधि की विधिवत पूजा अर्चना के साथ हुआ।

अलसुबह जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूरणमल शर्मा, कलेक्टर आशीष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान एवं राव भोमसिंह तंवर ने बाबा रामदेव की समाधि का पंचामृत से अभिषेक कर उनकी विधिवत पूजा अर्चना की। इस दौरान समाधि पर नई चादर चढ़ाई गई साथ ही विभिन्न पुष्पमालाओं से समाधि का श्रृंगार किया गया।

बाबा को मेवा मिष्ठान एवं मिश्री का भोग लगाया गया। अतिथियों ने बाबा की समाधि पर चंवर ढुलाया तथा बाबा की जोत के दर्शन किए। पुजारियों द्वारा अतिथियों को बाबा का प्रसाद दिया गया एवं पवित्र झारी का जल आचमन कराया गया। सभी अतिथियों ने बाबा रामदेव जी की समाधि की पूजा-अर्चना कर देश में अमन, चैन एवं खुशहाली की मंगल कामना की। मंगला आरती के बाद विधिवत रूप से मेले का आगाज हुआ।

भादवा मेले के आगाज के साथ ही बाबा रामदेवज की कर्मभूमि रामदेवरा बाबा के जयकारों से गूंज उठी। इससे पहले मेले के पहले दिन तड़के तीन बजे ही मंदिर परिसर के आगे यात्रियों की कतारें लग गई और समाधि स्थल के पट खुलते ही सम्पूर्ण रामदेवरा कस्बा बाबा रामदेव के जयकारों से गूंज उठा।

इस अवसर पर सभी भक्त बाबा की समाधि के दर्शन कर अपने आप को धन्य महसूस कर रहे थे। रामदेवरा नगरी बाबा रामदेव के भक्तों से भरी हुई है जहां भी नजरें घुमाए बाबा के भक्त मीलों लंबी यात्रा करके आने के बाद भी पूरे उत्साह के साथ जयकारे लगाते नजर आ रहे हैं।

मेले के पहले दिन लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा रामदेवरा में लगा हुआ है और लगभग तीन लाख लोग बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर चुके हैं। जिसके कारण रामदेवरा का आसमान में बाबा रामदेव की धज्जाएं दिख रही है और रामदेवरा आने वाले हर मार्ग पर बाबा के जातरू ही दिख रहे है। मेला शुरु होने से पूर्व करीब पंद्रह लाख श्रद्धालु बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर चुके थे।

कलेक्टर आशीष गुप्ता और पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने मेले के पहले दिन शुभारंभ के बाद उपखंड अधिकारी गोपाल परिहार सहित अन्य अधिकारियों के साथ व्यवस्थाओं को देखा और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

मेले में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। मेले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह भाटी के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस जाब्ता करीब तीन हजार पुलिसकर्मियों का तैनात किया गया है। इसके अलावा सीसीटीवी के माध्यम से भी मॉनिटरिंग की जा रही है। 10 दिन चलने वाले इस अंतर्राज्यीय मेले में देश विदेश से करीब पचास लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने का अनुमान जताया जा रहा है। मेले में व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं और करीब दो हजार से अधिक दुकानें लगी हुई है।

उधर, जोधपुर में भी बाबा रामदेव का जन्मोत्सव भक्ति भाव एवं श्रद्धापूर्वक मनाया गया। अल सुबह मसूरिया में रामदेव के गुरु बालीनाथ की समाधि स्थल पर पंचामृत अभिषेक के बाद सुबह सवा चार बजे महाआरती की गई। जिसमें भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर समाधि स्थल पर विशेष श्रृंगार किया गया। शहर के अन्य बाबा रामदेव के अन्य मन्दिरों भर भी भक्ति भाव के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

मसूरिया बाबा मन्दिर पर महाआरती दर्शन के लिए देर रात से ही श्रद्धालुओं की कतार शुरू हो गई। सुबह जैसे ही महाआरती शुरू हुई भक्तों ने जैकारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान पूरा मसूरिया क्षेत्र बाबा के जयकारों से गूंज उठा। मेले में आने वाले जातरू हाथों में रंगबिरंगी ध्वजा लिए जयघोष करते हुए मसूरिया मंदिर में उमड़ पड़े। महाआरती के दर्शन के लिए बाबा के जातरू अलसुबह से ही प्रवेश द्वार के बाहर तक लंबी कतारों में खड़े रहे।

मंदिर परिसर में जगह जगह पर सुरक्षा को लिहाज से सीसी टीवी कैमरे लगाये गये। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की करीब एक किलोमीटर लंबी कतारे लग गई। इस अवसर पर पूरे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। मंदिर संचालन कमेटी की ओर से सुरक्षा को देखते हुए 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ दर्शनार्थियों की सुविधा के पूरे इंतजाम किए गए हैं।

रामदेवरा पैदल नहीं जाने वाले लोग भी बाबा की बीज के अवसर पर अपने घरों से पैदल मसूरिया गुरु बालीनाथ नाथ की समाधि स्थल तक पहुंचे और उत्साहपूर्वक बाबा के मंदिर में दर्शन कर खुशहाली की कामना की। मंदिर में पूर्वाह्न ग्यारह बजे ध्वजारोहण किया गया। बैण्डबाजों के साथ ध्वजा की पहले पूजा अर्चना की गई। उसके बाद ध्वजा को मन्दिर शिखर पर फहराया गया। इस दौरान बाबा के जयकारों से माहौल बाबा के रंग में सराबोर हो उठा।

प्रशासन के आदेश अनुसार बीज के दिन किसी भी जातरू को घोड़ा और बड़ी ध्वजा ले जाने पर पूरी तरह से रोक रही। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र चौहान ने बताया कि मसूरिया बाबा के मन्दिर पर आज एक ही दिन में करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस मौके शहर में करीब पांच दर्जन से अधिक स्थानों पर जातरुओं के लिए लंगर लगाए गए हैं जहां पर चाय पानी के साथ भोजन तथा चिकित्सा व्यवस्था की गई है।