टमाटर के रस के रोगाणुरोधी गुण टाइफाइड जैसी बीमारी में लाभदायक

वाशिंगटन। अमरीकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी की पत्रिका माइक्रोबायोलॉजी स्पेक्ट्रम में इस सप्ताह प्रकाशित शोध से स्पष्ट हुआ है कि टमाटर का रस साल्मोनेला टाइफी (आंत्र पथ और रक्त को संक्रमित करने वाले जीवाणु) और अन्य जीवाणु को खत्म करने में सक्षम है। ऐसे जीवाणु लोगों के पाचन तंत्र और मूत्र नली को नुकसान पहुंचाते हैं। साल्मोनेला टाइफी एक घातक रोगजनक बैक्टीरिया है जो टाइफाइड (आंत्र ज्वर) बुखार का कारण बनता है।

कॉर्नेल विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर जियोंगमिन सॉन्ग ने कहा कि इस अध्ययन में हमारा मुख्य लक्ष्य यह पता लगाना था कि क्या टमाटर और टमाटर का रस साल्मोनेला टायफी सहित आंत्र बिमारी को ठीक कर सकता है, और यदि हां, तो उनके पास कौन से गुण हैं जो ऐसे बैक्टीरिया से जनित बिमारी को ठीक करते हैं।

शोधकर्ताओं ने यह देखने के लिए जांच की कि क्या टमाटर का रस वास्तव में प्रयोगशाला में साल्मोनेला टाइफी को मारता है। उन्हें जब पता चल गया कि ऐसा हुआ है, तो टीम ने इसमें शामिल रोगाणुरोधी पेप्टाइड्स का पता लगाने के लिए टमाटर के जीनोम को देखा। रोगाणुरोधी पेप्टाइड्स बहुत छोटे प्रोटीन होते हैं जो रोगाणुओं को बरकरार रखने वाली जीवाणु झिल्ली को ख़राब कर देते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण खोज यह है कि टमाटर का रस साल्मोनेला टाइफी, इसके वेरिएंट और अन्य बैक्टीरिया को खत्म करने में प्रभावी है जो लोगों के पाचन और मूत्र पथ के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सॉन्ग ने कहा कि हमारे शोध से पता चलता है कि टमाटर और टमाटर का रस साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया को मार सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जब आम लोग, विशेषकर बच्चे और किशोर अध्ययन के नतीजे के बारे में जानेंगे, तो वे अधिक टमाटर के साथ साथ हरी सब्ज़ियां और फल खाना शुरू कर देंगे।