राजस्थान विधानसभा में ‘लाल डायरी’ को लेकर हंगामा एवं हाथापाई की नौबत

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को लाल डायरी को लेकर सदन में दिनभर हंगामा हुआ और हाथापाई तक नौबत आ गई। इस कारण जहां सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी वहीं बर्खास्त मंत्री एवं विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा और भारतीय जनता पार्टी के विधायक मदन दिलावर को पन्द्रहवीं विधानसभा की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।

हंगामें की शुरुआत उस समय हुई जब प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव पर बोलने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी ने करीब 12 बजकर छह मिनट पर विधायक नारायण बेनीवाल का नाम पुकारा और वह बोलने लगे तभी विपक्ष भाजपा के सदस्य खड़े हो गए और हाथों में लाल डायरी लिए हुए सदन की वेल में आ गए।

इस दौरान लाल डायरी हाथ में लिए हुए गुढ़ा भी आसन के सामने आ गए और लाल डायरी लहराते हुए अध्यक्ष से इस पर सदन में बोलने की अनुमति मांगने लगे। इस पर अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी और अपनी जगह पर बैठने के लिए कहा। डा जोशी ने कहा कि वह उनके चैम्बर में आकर अपनी बात कह सकते हैं। लेकिन गुढ़ा आसन के सामने ही खड़े रहे और बोलते रहे। इस दौरान जोशी ने गुढ़ा से बार बार अपनी सीट पर जाने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने और बाद में वह संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की तरफ जाकर उनकी डेस्क पर लगे माइक पर हाथ से प्रहार किया।

इस बीच कांग्रेस विधायक रफीक खान बीच में आ गए और गुढ़ा को धारीवाल से दूर किया। इस दौरान पक्ष एवं विपक्ष के सदस्य आमने सामने आ गए और सदन में जोरदार हंगामा हुआ और हाथापाई की नौबत आ गई। इस बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। लेकिन इस पर हंगामा बंद नहीं हुआ और इस दौरान सुरक्षाकर्मी आ गए और गुढ़ा को सदन से बाहर ले गए। इसके बाद हंगामा शांत हुआ।

इसके बाद अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरु होते ही फिर भाजपा सदस्य हाथों में लाल डायरी लिए वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे जिससे शोरशराबा और हंगामा हुआ। इस दौरान दिलावर के सत्ता पक्ष की तरफ जाकर खड़े होने पर अध्यक्ष ने टोका और उन्हें विपक्ष की तरफ आने के लिए कहा।

इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी मणिपुर घटना को लेकर सदन में पीएम शर्म करो लिखी तख्तियां दिखाई। हंगामे के बीच ही सदन में राजस्थान विद्युत (शुल्क) विधेयक 2023, राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक 2023, महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालयजोधपुर विधेयक 2023 एवं नाथद्वारा मंदिर संशोधित विधेयक 2023 को पुरस्थापित किया गया।

इसी तरह हंगामें के बीच ही कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक 2023, उदयपुर विकास प्राधिकरण विधेयक 2023, गांधी वाटिका न्यास जयपुर विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित किया गया। हंगामें के ये विधेयकों बिना चर्चा किए ही पारित किए गए। इसके बाद अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी जगह पर जाने के लिए कहा लेकिन उनका हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दो बजकर 23 मिनट पर दूसरी बार एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही तीन बजकर 23 मिनट पर तीसरी बार शुरु होने पर डा जोशी ने शासकीय संकल्प प्रस्तुत करने के लिए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल का नाम पुकारते ही विपक्ष के सदस्य फिर वेल में आ गए और नारेबाजी कर हंगामा करने लगे। लेकिन हंगामें के बीच ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही जारी रखी और इस दौरान शासकीय संकल्प के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए।

इस दौरान धारीवाल ने शासकीय संकल्प प्रस्तुत करते हुए कहा कि मणिपुर में स्थिति चिंताजनक बनी हुई हैं और केन्द्र सरकार को अविलंब जरुरी कदम उठाया जाना चाहिए ताकि वहां शांति स्थापित हो सके। इसी तरह ईआरसीपी को लेकर भी शासकीय संकल्प प्रस्तुत किया गया।

इस दौरान मदन दिलावर के फिर सत्ता पक्ष की तरफ जाने से फिर हंगामा बढ़ गया और राजस्व मंत्री राम लाल जाट ने उन्हें पीछे किया। इस पर दोनों पक्षों के कई सदस्य आमने सामने आ गए और जोरदार हंगामा हुआ।

इस पर अध्यक्ष ने दिलावर को बाहर निकालने के लिए कहा और सदन में मार्शल आ गए। लेकिन भाजपा के सदस्यों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया और सामने अड़ गए। इस दौरान कुछ देर के लिए भाजपा सदस्यों एवं मार्शलों में खींचतान हुई। बाद में मार्शलों के वेल से बाहर चले जाने पर हंगामा थोड़ा कम हुआ लेकिन हंगामा जारी रहने पर डा जोशी ने सदन की कार्यवाही तीसरी बार तीन बजकर 27 मिनट पर आधे घंटे के लिए फिर स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही तीन बजकर 57 मिनट पर चौथी बार शुरु होने पर वेल में बैठे भाजपा सदस्यों ने फिर नारेबाजी शुरु कर दी जिससे फिर हंगामा शुरु हो गया। हंगामें के बीच ही धारीवाल, जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, बाल एवं विकास मंत्री ममता भूपेश एवं मंत्री गोविंद मेघवाल के द्वारा सदन में प्रस्तुत शासकीय प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

दिनभर चले हंगामे के बाद धारीवाल ने गुढ़ा और भाजपा विधायक मदन दिलावर को पन्द्रहवीं विधानसभा के शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।

इससे पहले धारीवाल ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि शून्यकाल में अध्यक्ष जब स्थगत प्रस्ताव पर व्यवस्था दे रहे थे तब गुढ़ा वेल में आकर आवेशित होकर अध्यक्ष को नियम विरुद्ध संबोधित करते हुए बहस करने लगे। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने उन्हें बोलने के लिए नियमानुसार अनुमति लेने के लिए निर्देशित किया लेकिन गुढ़ा ने उनके आदेशों की घोर अवहेलना करते हुए आवेशित होकर बोलते रहे। उन्होंने कहा कि गुढ़ा ने आसन की घोर उपेक्षा, अवहेलना एवं अमर्यादित व्यवहार किया और जानबूझकर दुर्भावनापूर्वक सदन की कार्यवाही में बाधा डाली।

धारीवाल ने कहा कि गुढ़ा ने मेरी डेस्क पर लगे माइक पर प्रहार कर हाथापाई करने का प्रयास किया। इस दौरान मार्शलों द्वारा उन्हें रोका नहीं जाता तो बहुत बड़ी घटना हो सकती थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान पूरे सदन का अपमान किया गया है और राजस्थान विधानसभा के इतिहास में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। यह दुर्लभतम, संसदीय परंपराओं, नियमों एवं मर्यादाओं की घोर अवहेलना है जो शर्मनाक है।

इसके बाद धारीवाल ने गुढ़ा को पन्द्रहवीं विधानसभा की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इसी तरह उन्होंने मदन दिलावर को भी पन्द्रहवीं विधानसभा की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके बाद डा जोशी ने सदन की कार्यवाही आगामी दो अगस्त पूर्वाह्न ग्यारह बजे तक स्थगित कर दी।