वैभव गहलोत का रोड शो : तुम्हारी भी जय जय, हमारी भी जय जय

रोड शो से पहले आबूरोड अंबाजी मन्दिर में दर्शन करते कांग्रेस के जालोर लोकसभा प्रत्याशी वैभव गेहलोत।

परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज़-आबूरोड। जालोर-सिरोही से सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी वैभव गहलोत ने रविवार शाम को आबूरोड के सदर बाजार में रोड शो किया। इस दौरान उनका कई व्यापारियों ने अभिनन्दन किया। राज्यसभा सांसद नीरज डांगी और उनके करीबी रोड शो में साथ रहे। गहलोतने जालोर सिरोही लोकसभा सीट पर उनके विजन को लेकर बनाये पैम्फलेट को भी बांटा। लुम्बाराम चौधरी की तरह वैभव गहलोत ने भी बस स्टैंड से अपने रोड शो की शुरुआत की। यहाँ पर उन्होंने अम्बाजी मंदिर में दर्शन किये और पुराने सामुदायिक चिकित्सालय भवन के पास वाली गली से सदर बाजार में प्रवेश किया।

आबूरोड में कांग्रेस के जालोर लोकसभा प्रत्याशी वैभव गेहलोत का अभिनंदन करते भाजपा प्रत्याशी को गुड़ से तोलने वाले व्यापारी।

दोनो हाथ में लड्डू

सदर बाजार में सबसे पहली दुकान थी सागर अग्रवाल की। इसी जगह पर सागर अग्रवाल और उनके भाई ने व्यापार संघ की तरफ से लुम्बाराम चौधरी को गुड़ से तोला था। इस दौरान भाजपा के कार्यकर्ता नाराजगी जताते नजर आये थे। रविवार को सागर अग्रवाल ने गले में कांग्रेस का दुपट्टा डालकर वैभव गहलोत और नीरज डांगी को साफ़ा पहनाया और तलवार भेंट की। अब ये अभिनन्दन शहर में चर्चा के केंद्र बना हुआ है। इसे व्यापारी दोनो हाथों में लड्डू लेने की के रूप में देख रहे हैं।

आबूरोड बस स्टैंड पर रोड शो के लिए पहुंचे वैभव गेहलोत।

विधायक ही नदारद

आबूरोड रेवदर विधानसभा में आता है। 20 साल बाद इन विधानसभा में भाजपा के विधायक को हराकर मोतीराम कोली विधायक बने हैं। आबूरोड की जनता को वैभव गहलोत के साथ यहां के विधायक नहीं नजर आए। जबकि अपने बहनोई को इस सीट से कांग्रेस का टिकट दिलवाने के इच्छुक कांग्रेस के प्रमुख नेता और राज्यसभा सांसद नीरज डांगी और उनके करीबी नेता दिखाई दिए। भाजपा की स्थिति इससे बेहतर रही हो ऐसा नहीं है। लुम्बाराम चौधरी ने जब यहां रोड शो निकाला तो यहां के पूर्व विधायक और वर्तमान भाजपा प्रत्याशी जगसीराम कोली को अपने साथ रहने को प्रेरित नहीं किया। रोड शो के दौरान जगसीराम कोली भाजपा कार्यकर्ताओं के पीछे अलग थलग चलते नजर आए। वही भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश कोठारी और उनके करीबी लोग शुरू में लुम्बाराम के साथ नजर नहीं आये थे।

लोढ़ा गुट की रोड शो से दूरी

सिरोही में कांग्रेस में जबरदस्त गुटबाजी है। इस गुटबाजी को अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा  ईंधन दिया। 2008 में संयम लोढ़ा से दुराव होने पर उनके राजनीतिक प्रभाव को कम करने के लिए गहलोत ने सिरोही की रेवदर सीट पर नीरज डांगी को इंट्रोड्यूस किया। इससे जिले में गुटबाजी चरम पर पहुंची और कांग्रेस गर्त में। इस गुटबाजी की वजह से कांग्रेस को लोकसभा और विधानसभा दोनो में लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। अपने बोए हुए गुटबाजी के बबूल के कांटे पुत्र के चुनाव में कांग्रेस की हवा नहीं निकाले सम्भवतः इस कारण गहलोत ने जिले में सभी गुटों की सीमाएं निर्धारित कर दी हैं। लोढ़ा गुट का रोड शो से दूरी रखना इसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। रोड शो में शामिल संयम लोढ़ा के प्रबल विरोधी नेता  से इस चुनाव में भी संयम लोढ़ा की तरह कार सेवा की तरह कारसेवा करने का पूछने पर मुस्कुराकर वैभव को अपना नेता बताते हुए इनकार करते दिखे।

संयम लोढ़ा और उनके गुट के आबूरोड के पार्षद और सन्गठन नेता आबूरोड हवाई पट्टी पर तो नजर आए लेकिन रोड शो में नहीं दिखे। वो हवाई पट्टी से ही अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस नेता हरीश चौधरी के होटल पर चले गए। वहीं डांगी गुट के सारे नेता कांग्रेस के दिवंगत नेता हीराभाई अग्रवाल की होटल में वैभव गहलोत के साथ आ गए। यहीं से वो रोड शो में निकल गए। वैसे कांग्रेस के निर्गुट कार्यकर्ता लोढ़ा गुट के नेताओं के नहीं दिखने को सही भी मान रहे हैं। उनकी दलील थी कि अशोक गहलोत सरकार ने संयम लोढ़ा गुट और नीरज डांगी गुट की आपसी लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान आबूरोड का करवाया। इस नगर पालिका को अस्थिर रखा जिससे भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा। फिर संयम लोढ़ा द्वारा उनके गुट के पार्षदों के द्वारा लगाए गए आईएएस के बराबर खटके वाले अधिशासी अधिकारी ने तो आबूरोड के आम लोगो के लिए अधिकारी के कार्यालय कर दरवाजे भी बन्द करवा दिए। जिसका गुस्सा भी आबूरोड में है। खुद आबूरोड विधायक मोतीराम कोली भी लोढ़ा गुट के है। वो भी रोड शो में नहीं थे।

माला खरीदकर पहनवाई

नेताओं को लेकर आम जनता को कोई मोह नहीं रह गया है। वैभव गहलोत भले अशोक गहलोत के पुत्र हों लेकिन रोड शो उनके प्रति भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया जाए तो आम शहरी में वैसा उत्साह नहीं दिखा जैसा रोड शो के दौरान लुम्बाराम चौधरी के लिये नहीं दिखा था। इसलिये लुम्बाराम चौधरी की तरह ही आम व्यक्ति को ये नहीं पड़ी थी कि वो उन्हें अपने पैसे से लाकर मालाएं पहनाए। तो लुम्बाराम चौधरी के रोड शो के दौरान भाजपा आबूरोड के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की तरह कांग्रेस आबूरोड मंडल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी दुकानदारों को अपनी तरफ से मालाएं देकर अभिवादन को प्रोत्साहित करते नजर आए। यूँ व्यापार मंडलों और एसोसिएशनो ने राजनीतिक विचारधारा धाराओं से अप्रभावी रहते हुए भाजपा प्रत्याशी लुम्बाराम चौधरी की तरह वैभव गहलोत का भी गर्मजोशी से अभिवादन किया। मालाएं खत्म होने पर दुकान से मालाएं खरीदकर बांटते हुए भी कांग्रेस कार्यकर्ता दिखाई दिए।

आबूरोड में वैभव गेहलोत के रोड शो के दौरान दिनेश जैन की दुकान हटा लुंबाराम चौधरी के अग्रिम बधाई का बैनर।

पूर्व अध्यक्ष ने हटा लिया अग्रिम बधाई का बैनर

भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष दिनेश जैन ने अपनी दुकान पर गुरुवार को भाजपा के प्रत्याशी लुम्बाराम चौधरी को जीत की अग्रिम बधाई का बैनर लगाया हुआ था। बैनर उन्होंने अपनी बजाय जैन समाज आबूरोड की तरफ से लगाया था। जबकि जगसीराम कोली के लिए उन्होंने ऐसा बैनर नहीं लगाया था। लोग इसे उनकी सत्ता का फायदा उठाने की नीयत से जोड़ रहे थे।

वैभव गहलोत अपने रोड शो के दौरान दिनेश जैन से भी मिलने पहुंचे। लेकिन इस समय उनकी दुकान पर लुम्बाराम चौधरी को अग्रिम बधाई देने का बैनर नहीं लगा हुआ था। अब इस पर भी भाजपा नेता चुटकी लेने लगे हैं। उनका कहना था कि लुम्बाराम को खुश करने के लिए जैन ने बैनर लगा लिया। वैभव गहलोत को खुश करने के लिए उसे हटा लिया। वैसे दिनेश जैन के द्वारा लगाया गया ये बैनर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में भी आता है। चुनाव से पहले ही किसी प्रत्याशी को जीतने की शुभकामनाएं देने का बैनर लगाना जिले में चुनाव करवाने वाली पूरी प्रशासनिक मशीनरी की निष्ठा और निष्पक्ष चुनाव करवाने के उनके संकल्प को ही संदिग्धता के घेरे में डालने वाला था।

कई नेताओं की शपथ टूटी

मुख्यमंत्री काल में अशोक गहलोत आबूरोड में मॉडर्न इंसुलेटर के गेस्ट हाउस में रुके थे। वसुंधरा भी यहीं रुकती थी। इसका नुकसान भी आबूरोड के लोगों को उठाना पड़ा है। राजीनीतिक सरपरस्ती में बरसाती नाले पर कब्जा करके उसे बन्द कर देने के कारण अब आबूरोड के लोगों को तलहटी पर भयंकर जलभराव का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अभी गहलोत मुख्यमंत्री मंत्री नहीं है तो इस बार मॉडर्न इंसुलेटर के गेस्ट हाउस के सामने स्थित कांग्रेस प्रदेश नेता हरीश चौधरी की होटल में रुके।

हरीश चौधरी कभी कांग्रेस के नीरज डांगी गुट के नेता थे। उनकी संस्तुति से अशोक गहलोत के 2008-2013 वाले कार्यकाल में आबूरोड यूआईटी के अध्यक्ष भी बने। उस दौरान संयम लोढा गुट से होने वाले विवादों का हिस्सा भी रहे। 2018 के चुनावों से चौधरी संयम लोढ़ा के करीब आ गए। इसके बाद यहां उनकी होटल बनी तो आबूरोड के कई नेताओं ने इसमें पांव नहीं रखने का संकल्प भी किया। लेकिन, अशोक गहलोत के यहां रुकने और मीटिंग लेने से शनिवार को ऐसे कई नेताओं का संकल्प टूटता दिखा तो इसकी भी चुटकी लोग लेने लगे।

आबूरोड रोड शो के दौरान सोशल मीडिया प्रोफाइलिंग के लिए फोटो ओप के लिए बुलाते कांग्रेस नेता।

फ़ोटो ऑप्स मोमेंट

चुनावों में सोशल मीडिया प्रोफाइलिंग का महत्व कम नहीं है। इस पर काम करने के लिए नेताओं की सोशल मीडिया टीम अलग से है। इसके लिए फ़ोटो ऑप्स मोमेंट भी तलाशे और बनाये जाते हैं। वैभव गहलोत के रोड शो में भी ये सब दिखा। कोई बुजुर्ग मिल गया तो उसे प्रणाम करना। बच्चों को बुलवाकर माला पहनाकर उसके साथ फोटो खिंचवाना। किसी गरीब के मुंह के पास अपना कान ले जाकर उसकी बात को सुनने प्रयास करना। इस तरह के सीन को कैमरे में कैद करने के लिए बिल्कुल नेता के मुंह में घुसकर फ़ोटो लेने वाली कैमरा टीम इन दृश्यों को कैद करने के लिए सजग  आई।

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