ब्रज क्षेत्र में चल रहा ‘मतांतरण’ का खेल

वागड़ के बाद ईसाई गिरोह अब ब्रज क्षेत्र में हुआ सक्रिय
राजस्थान-उत्तरप्रदेश सीमा पर रचा षड़यंत्र
सोनार हवेली होटल में आयोजन से मतांतरण का भंडाफोड़
भगवान में कुछ नहीं रखा बताकर कर रहे थे मतांतरण
जयपुर। राजस्थान में वागड़ क्षेत्र के डूंगरपुर और बांसवाड़ा वनवासी क्षेत्र के बाद अब ब्रज क्षेत्र में ईसाई मिशनरीज अधिक सक्रिय होते दिख रहे हैं। राजस्थान-उत्तरप्रदेश सीमा पर ब्रज क्षेत्र में पिछले कई सालों से ईसाई मिशनरीज का मतांतरण खेल चल रहा है। क्षेत्र में अब तक 4200 हिंदुओं का मतांतरण कराया जा चुका है। इसका खुलासा हाल ही में 11 फरवरी को भरतपुर में उस समय हुआ जब राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित होटल सोनार हवेली में एक आयोजन चल रहा था। जहां करीब 300 से अधिक हिंदू महिलाओं का ईसाई मत में परिवर्तन करने का खेल चल रह था।

जैसे ही इस मामले का खुलासा हुआ तब बड़ी संख्या में स्थानीय हिंदू समाज के मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। जिनका मतांतरण करवाया जा रहा था वे सभी भरतपुर, मथुरा और आगरा के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं थी जो अनुसूचित वर्ग की हैं।

जबरन हो रहे इस मतांतरण का विरोध करने पर आयोजकों ने स्थानीय लोगों से हाथापाई की। वीडियो बनाने पर उनके मोबाइल भी छीन लिए गए। मतांतरण की शिकायत पर मौके पर मथुरा गेट पुलिस पहुंची। बाद में मामला अटल बंध थाना क्षेत्र के पास गया। पुलिस ने महिलाओं सहित लगभग 20 लोगों को हिरासत में लिया। दो मुख्य आरोपी कुंवर और सिद्धार्थ गौतम पर मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सभा के लिए प्रोफेट बजिन्दर पैसों की व्यवस्था करता है।

स्थानीय समाज के लोगों का आरोप है कि आयोजकों ने हिंदू धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले वक्तव्य दिए। देवी-देवताओं को अपशब्द कहे। मतांतरण के लिए महिलाओं को पांच-पांच सौ रुपए का लालच दिया गया। इस संबंध में भरतपुर कलेक्टर लोकबंधु को शिकायत दी। कलेक्टर ने घटनाक्रम के दौरान एसडीएम रवि कुमार और एडिशनल एसपी भूपेंद्र शर्मा को मौके पर भेजा था।

चंडीगढ़ से लाइव जुड़ा था पादरी

ईसाई मिशनरीज के इस मतांतरण कार्यक्रम में चंडीगढ़ से पादरी बजिंदर सिंह लाइव जुड़ा हुआ था, जो लोगों का मतांतरण करवा रहा था। कार्यक्रम में दावे किए गए कि वो मरे हुए बच्चे तक को जिंदा कर सकता है और कैंसर जैसी भयंकर बीमारी का भी इलाज कर सकता है। बजिंदर सिंह खुद को प्रोफेट यानी पैंगबर कहता है। उसके कई ऐसे वीडियो इंटरनेट पर मौजूद हैं, जहां वो चमत्कारी दावे करता है और अजीबो गरीब हरकतें करवाता है। गिरफ्तार दोनों आरोपित कह रहे हैं कि वो तो सिर्फ माध्यम हैं। उन्होंने माइक और स्पीकर समेत 5 एलईडी की व्यवस्था कार्यक्रम स्थल पर की थी। दोनों आरोपित 2020 से ही बजिंदर सिंह से जुड़े हुए थे। आरोपियों ने बताया कि अकेले अब तक भरतपुर में 20 हजार से अधिक लोगों का वो मतांतरण करा चुके है।

आयोजन के लिए मिलता ऑनलाइन पैसा

कुंवर सिंह भरतपुर निवासी और शैलेन्द्र सिंह यूपी के फरीदाबाद का रहने वाला है। आरोपियों के पास से आयोजन का सामान और भड़काऊ पुस्तकें भी मिली हैं। इस आयोजन को लेकर खुलासा किया, जो दोस्त की शादी के लिए मैरिज हॉल बुक करने सोनार हवेली पहुंचे थे। वहां करीब 400 लोग मौजूद थे। 15 लोग मंच पर थे। यीशू की कसम दिलाकर मत-परिवर्तन कराया जा रहा था। आयोजनों के लिए वो पैसे भी ऑनलाइन भेजता है।

मत्तांतरण के दौरान हिंदू देवी देवताओं का उड़ाते थे उपहास

मत्तांतरण के दौरान मौजूद लोगों को ईसाई मत के लाभ गिनाए जा रहे थे और बोतल में कुछ मिलाकर पिलाया जा रहा था। कुंवर सिंह के साथ-साथ सिद्धार्थ गौतम मंच से हिन्दू देवी-देवताओं का उपहास उड़ाया जाता था। बच्चियों के हाथों में बाइबल दिए जा रहे थे। आरोप है कि यहां इलाज के नाम पर पीड़ितों को बुलाया गया था। मौके से लगभग 352 किताबें जब्त की गई हैं। गरीब लोगों को पहले रुपयों का लालच दिया गया था। साथ ही उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई थी।

पंजाब से मिली थी जिम्मेदारी

दोनों मुख्य आरोपी कुंवर और सिद्धार्थ गौतम पंजाब निवासी है। दोनों मुख्य षडयंत्रकारियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें पंजाब से ईसाई मिशनरी की तरफ से इस काम की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए पैसा दिया गया है। क्षेत्र में 20 से अधिक जगह ऐसे कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही थी।

पुलिस ने संभाला मोर्चा

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अटलबंध थाना क्षेत्र स्थित होटल सोनार हवेली में हिन्दू समुदाय के लोगों को लालच देकर मिशनरी के कुछ कार्यकर्ता मत परिवर्तन करा रहे थे। इसके लिए वे कह रहे थे कि अगर आप मतांतरण करते हो तो सभी दु:ख दर्द दूर हो जाएंगे और आपको रुपए मिलेंगे। यह लोग हिन्दू समुदाय के लोगों को यह कह कर बहकाने की कोशिश कर रहे थे कि हिंदू भगवान में कुछ नहीं रखा है।

विरोध करने पर हाथापाई

पुलिस ने लगभग 20 लोगों को थाने में लाकर पूछताछ की है। पुलिस इस बात की जांच में भी जुटी हुई है कि जबरन मत परिवर्तन कराया जा रहा था या फिर उनको लोभ लालच देकर मत परिवर्तन की कोशिश की जा रही थी। जैसे ही विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और मिशनरी कार्यकर्ताओं का विरोध किया तो वे भड़क उठे और हाथापाई करने लगे।

पंजाब-हरियाणा से जुड़े तार

मतांतरण कराने वाले इसे परमेश्वर सभा के साथ और कई नाम देते हैं। ऐसी प्रार्थना सभाओं में लोगों को चिह्नित कर उन्हें ईसाई धर्म की शक्तियों के प्रभाव से बीमारियां भगाने का भरोसा दिलाया जाता है। महिलाओं के अनुसार उनको बताया गया था कि अगर वे यीशू की प्रार्थना करेंगी तो उनके घरों में बीमारी चली जाएगी। भरतपुर व डीग जिले में मतांतरण के कार्यक्रम कराकर पिछड़े व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है।

अब तक 4200 का मतांतरण

विश्व हिंदू परिषद एवं सामाजिक संगठनों की मानें तो ईसाई मिशनरीज का यह मतांतरण का खेल पिछले कई सालों से चल रहा है। उनका दावा है कि अब तक क्षेत्र के करीब 4200 से अधिक लोगों का मतांतरण किया जा चुका है या फिर उनको हिंदू धर्म—संस्कृति से विमुख कर दिया गया है। विश्व हिंदू परिषद ने ऐसे लोगों की पहचान करने और उन्हें ‘घर वापसी शुद्धि अभियान’ चलाने का फैसला लिया है।

पीड़ित परिवारों की बनाते सूची

मतांतरण गिरोह फंडिंग के माध्यम से सबसे पहले परेशान परिवारों की सूची बनाता है। फिर उन्हें खुद से जोडने के लिए समझाता है। एक-दो कार्यक्रमों में उन्हें साधारण तरीके से बुलाया जाता है। तीसरे कार्यक्रम में उन्हें दिमागी रूप से मतांतरण के लिए मजबूत कर दिया जाता है। साथ ही उन्हें चमत्कार से बीमारी ठीक होने व खाते में कहीं पांच-पांच तो कहीं 20-20 हजार रुपए आने तक का प्रलोभन दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला उत्तरप्रदेश में जून 2022 में सामने आया था। जहां मतांतरण के एक खुलासे में एटीएस ने उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पंजाब से फंडिंग की बात पर एक आरोपी को गिरफ्तार किया था।

मतांतरण का दिल्ली कनेक्शन

14 जनवरी 2023 को दिल्ली-6 के चांदनी महल इलाके के रैन बसेरे में धर्म परिवर्तन कराने का आरोपी मोहम्मद कलीम पकड़ा गया था। उस दौरान पुलिस ने खुलासा किया था कि आरोपी कलीम भरतपुर के भी धार्मिक स्थलों पर जाकर रहता था। उस समय पुलिस को जांच में विदेशी फंडिंग के सबूत व आरोपी के मोबाइल में 60 धार्मिक वीडियो भी मिले थे।

कोरोनाकाल के बाद से बढ़ा खेल

19 अप्रेल 2023 को कुम्हेर के गांव सोगर निवासी एक दंपती को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वे कामां में ईसाई मत का प्रचार-प्रसार कर रहे थे। उनके पास से बाइबल व ईसा मसीह की जीवन कथा से जुड़े सामान बरामद हुए। ऐसा ही एक मामला 26 अप्रेल 2022 को सामने आया था जब 22 वर्षीय एक विवाहिता ने बलात्कार के बाद आरोपियों पर मत परिवर्तन कराने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कामां थाने में मामला दर्ज कराया।

लगभग पांच साल पहले सरमथुरा की आंगई ग्राम पंचायत के जिंदापुर गांव में कुछ लोगों का दूसरे समाज में मतांतरण करने का मामला भी सामने आया था। इसमें कहा गया था कि यहां पर कई दिनों से दूसरे धर्म के लोग आ रहे हैं और लोभ-लालच देकर मत परिवर्तन करवाने की बात कह रहे हैं। मत परिवर्तन करवाने के बाद नौकरी जैसे लाभों का आश्वासन दे रहे हैं। एक अन्य मामले में 29 अगस्त 2023 को नगर के 35 लोगों ने ईसाई से हिंदू मत को अपनाया था। वे कुछ लोगों के प्रलोभन देने के कारण हिंदू से ईसाई बन गए थे। हिंदू संगठनों के समझाने के बाद वह पुन: हिंदू धर्म की मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार हुए।

इस पूरे मामले में भरतपुर के जिला कलेक्टर लोकबंधु बताते हैं कि हम प्रकरण की जांच करा रहे हैं। मौके पर एसडीएम को भी भेजा गया था। पुलिस के स्तर पर जांच कराई जा रही है। बाकी जहां से रिपोर्ट मांगी गई है, वहां यथास्थिति के अनुसार अवगत कराया जा रहा है।

वहीं भरतपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि सूचना मिली थी कि एक होटल में मत परिवर्तन का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद पुलिस जाब्ता लेकर मौके पर पहुंची। आयोजक सहित कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। वहां लोगों को यूट्यूब चैनल के जरिए ईसाई मत के बारे में बताया जा रहा था। फिलहाल केस दर्ज किए जा रहे हैं। पूरे मामले पर अग्रिम कार्रवाई जारी है।

हालांकि प्राथमिक जांच में पूरे मामले में लालच देकर मत परिवर्तन कराने की बात सामने आ रही हैं। इस पर एसआईटी भी अपनी और विस्तृत जांच में जुटी हुई थी। थाना अटल बंद के एसएचओ एवं जांच अधिकारी मनीष शर्मा बताते हैं कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि स्थानीय लोग जो बीमार, आर्थिक और मानसिक रुप से परेशान है उनको इस गिरोह के सदस्य मदद के बहाने गुमराह करते और मतांतरण के लिए तैयार करते हैं। इसके बाद इस तरह के सार्वजनिक आयोजन में मतांतरण का कार्य किया जाता है। इसमें चंडीगढ़ निवासी प्रोफेट बजिंदर सिंह के खिलाफ आर्थिक व अन्य प्रलोभन के आधार पर जांच की जा रही है।