श्री मसाणिया भैरव धाम पर शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव सम्पन्न

सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं : चम्पालाल महाराज
अजमेर। श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर आयोजित शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव के अंतिम दिन श्रद्धालुओं का रैला उमड़ पड़ा। देश-प्रदेश के नवमीं की रात से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। बाबा भैरव व मां कालिका के जयघोष के साथ मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज ने मनोकामना पूर्ण स्तम्भ, बाबा भैरव व मां कालिका की आरती की तथा 10 दिन तक चली अखण्ड ज्योति का विधिवत समापन किया।

धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह विशेष फूलों से सजाया गया जिससे धाम परिसर खुशबू से महक उठा। गुलाबी और दूधिया रोशनी से प्रांगण जगमगाता रहा। धाम पर पंजाब प्रान्त से आए नरेन्द्र तूर व तुषार ने अपनी टीम के साथ चम्पालाल महाराज का पंजाबी पगड़ी पहनाकर व कृपाण भेंट कर भव्य स्वागत सत्कार किया गया।

श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए महाराज कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। जो भी भक्त सच्ची आस्था के साथ धाम पर आता है वह अवश्य ही कुछ ना कुछ पाकर जाता है। महाराज ने श्रद्धालुओं से नशे को त्याग करने तथा अधिक से अधिक रक्तदान करने को कहा।

अखण्ड ज्योति समापन के पश्चात धाम पर आए श्रद्धालुओं को विशेष रामबाण औषधि रूपी चिमटी (भभूत) का वितरण किया गया। धाम पर यह अखण्ड ज्योति 9 दिन तक निरन्तर प्रज्ज्वलित रही। अखण्ड ज्योति की विशेषता यह है कि जिस पात्र में इसको प्रज्जवलित किया जाता है उसमें हजारों नारियल की चिटक, कई पीपे तेल व धूप हवन सामग्री ड़ालने पर भी यह पात्र कभी भरता नहीं है।

इस अखण्ड ज्योति के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के रोग कष्ट व बाधाएं आदि दूर हो जाती हैं। धाम पर आए श्रद्धालुओं ने सर्वधर्म मनोकामना पूर्ण स्तम्भ की विशेष परिक्रमा कर बाबा भैरव से मन्नत मांगी। नवमीं की रात भजन गायिका ज्योति सैनी व ममता सोनी की मधुर आवाज में भैरू जी नाना रे नाना, दरबार है निराला काली के लाल का, अब तो आजा रे भैरू जी, मैया रानी तो छिप रही पहाड़ा मे, आजा ये भवानी, राजगढ मे लाग्यो दरबार, झीणी झीणी उडे रे गुलाल आदि भजनों को सुनकर मंत्रमुग्ध होकर झूम झूम कर नाचने लगे।

राजगढ़ गांव की और से चढाया झंड़ा

राजगढ़ धाम पर शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव के समापन समारोह से पूर्व नवमी की रात गांव राजगढ़़ वासियों की और से प्रेम सिंह गौड़ के नेतृत्व में ढोल ढमाको पर नाचते गाते बाबा भैरव नाथ व मां कालिका के झंड़ा चढाया गया। झंडे का जुलूस रात 8 बजे ग्राम राजगढ़ सदर बाजार से प्रारम्भ हुआ। चक्की वाले बाबा के मंदिर पर धोक लगाने के बाद मुख्य मंदिर सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ पर चल रही अखण्ड ज्योति स्थल पर रात 11.30 बजे पहुंचे।

धाम पर प्रेम सिंह गौड़ के नेतृत्व में कमल नागौरा, श्याम सेन, कमल शर्मा, गणपत सिंह, सलीम , कुलदीप, बलराम, पांचू माली, हरी माली, सदानन्द विश्वास, रामदेव माली, मोनू गुर्जर, भाचन्द माली, मुकेश खीची, आदि राजगढ़़ ग्रामवासियों की ओर से मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज का साफा बांधकर व शॉल ओढाकर भव्य स्वागत किया गया।

शारदीय नवरात्रा मेले के दौरान व्यवस्थापक ओमप्रकाश सैन, रमेश चन्द सेन, अविनाश सैन, यश, प्रकाश रांका, राहुल सैन, के साथ पदम जैन, राजू चावड़ा, कमल शर्मा, टी.एस. राणावत, राजकुमार त्रिपाठी, उज्जवल राठौड, मनोहर सिंह, धर्मेन्द्र, सुरेश दायमा, तिलोक जटिया, विजय सिंह राठौड, महेन्द्र रावत, रामसिंह बाबल, मोहन छीपा, शंकर महावर, कैलाश सेन, श्रवण रावत, चेतन आनन्द, पुनीत जांगिड़, शंकरनाथ, पदमचन्द जैन, सुरेश गुर्जर, महेश वरजानी, बाबू भाई, सुरेश काकाणी, रामप्रसाद मोर्य, अजीत चौधरी, हंसराज भडाणा, अमिताभ, पंकज सेन, भूपेन्द्र, मनीष, कन्हेया लाल, देवानन्द, योविनेश, रामलाल, अजय, विनय, ओम माली, अमिताभ, छोटू आदि का विशेष योगदान रहा।