अप्राप्त की कामना ना करें, जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है : हरि शरण

अजमेर। हरि नाम की महिमा को सुनना भी फलदायी होता है। जब भी समय मिले भगवान का नाम लेते रहें। मनुष्य जीवन मिला है, यह ठाकुरजी के नाम जप का श्रेष्ठ अवसर है। इस अवसर को ना चूके और भक्ति से नाता जोडें। यह बात कथावाचक हरि शरण महाराज ने श्रीमदभागवत महायज्ञ के पांचवे दिन कही।

शास्त्री नगर स्थित भक्त पहलाद पार्क संख्या 3 चल रही भागवत कथा के दौरान महाराज ने कहा कि मनुष्य को जो प्राप्त है, उसी में संतोष करके जीवन व्यतीत करना चाहिए। जो प्राप्त नहीं है उसका दुख करके अपने आप को परेशान नहीं करना चाहिए। महाराज ने बताया कि प्रार्थनाओं में ईश्वर के लिए विश्वास होना चाहिए, क्योंकि प्रार्थनाएं गरीबों की भी पूरी हो जाती है और इच्छा अमीरों की भी अधूरी रह जाती है। अप्राप्त की कामना ना करें, जो प्राप्त है वही पर्याप्त है। उसी में संतोष धारण करें।

उन्होंने गीता प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण कि बाल लीलाओं, पूतना वध, भगवान का नाम करण संस्कार व बाल रूप के बारे में बहुत सुन्दर वर्णन से श्रोताओं को भक्तिरस में खूब हिलोरे खिलाए। मेरो कान्हा जोर की छड़ी व कान्हा काकड़ली मत मारे माहरी भजनों पर भक्तजन भावविभोर होकर खूब नाचे।

कथा आयोजन में लेखराज सिंह राठौड़, कैलाश काबरा, अजय तिवारी, महेश शर्मा, रानी सक्सेना, सरोज गर्ग समेत कई लोगों ने व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग किया। कथा के अंत में भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया।

प्रवक्ता राजेश दाधीच ने बताया के प्रत्येक दिवस सुबह 6:30 बजे प्रभात फेरी क्षेत्र के विभिन्न मार्गो से निकली जाती है। रविवार को प्रभातफेरी का मार्ग पार्क नंबर 3, शोपिंग सेंटर 2, पार्क नंबर 4, विद्युत विभाग कार्यालय, अमूल डिस्ट्रीब्यूटर, पोस्ट आफिस, रतनदेवी होस्टल होते हुए पुन: कथा स्थल पार्क नंबर 3 पर आएगी।