भगवान भाव के भूखे हैं, प्रसाद के नहीं : हरि शरण महाराज

अजमेर। भगवान भाव के भूखे हैं प्रसाद के नहीं, मनुष्य को निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करनी चाहिए क्योंकि संसार सेवा से ही चलता है। वह भगवान उसी से प्रसन्न होते हैं जो दूसरों की सेवा निस्वार्थ भाव से करता है। यह बात कथावाचक हरि शरण महाराज ने शास्त्री नगर स्थित भक्त प्रहलाद पार्क संख्या तीन में बीते 6 दिन से चल रही श्रीमदभागवत कथा में प्रवचन करते हुए कही।

उन्होंने भागवत कथा के अंतर्गत श्रीकृष्ण चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने गोवर्धन पर्वत का वृतांत सुनाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भगवान इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। कथा के दौरान हरि शरण महाराज ने भजन ‘सांवरिया बंसी ऐसी बजायी व मेरे बांके बिहारी लाल’ सुनाए तो भक्तजन मन्त्र मुग्ध हो कर झूम उठे।

श्रीमदभागवत कथा के दौरान झलारिया मठ पुष्कर से दीक्षित आचार्य ओमप्रकाश मूलत भागवत कथा का पाठ करते हैं। उनके साथ पांच सह आचार्य बजरंग गीता पाठ, नारायण कवच का पाठ करने वाले विमल, द्वादश मंत्र का जाप करने वाले राकेश, गजेंद्र मोक्ष का पाठ करने वाले आशीष, विष्णु सहस्त्र नाम पाठ करने वाले शुभम सालेमाबाद पीठ से दीक्षित हैं। कथावाचक हरि शरण महाराज के साथ ये सदा हर कथा में उपस्थित रहते हैं।

कथा के समय आज जय गोयल, संजीव चतुर्वेदी, कन्हैया लाल, बैध नाथ, राधा रानी तिवारी, ऊषा बडगुर्जर ने व्यवस्था में सहयोग किया। प्रवक्ता राजेश दाधीच ने बताया कि 18 दिसंबर रात्रि के तय कार्यक्रम के अनुसार हवन होगा। वेद दशान्स अंश की आहुति भी होगी। कथा के दौरान सभी कलशों को अभिमंत्रित किया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्णाहुति के पश्चात सभी कलश 22 दिसंबर सुबह 11 बजे बाद माताओं व बहनों को वितरित किए जाएंगे।

प्रभातफेरी के स्थान व समय में परिवर्तन

प्रतिदिन निकलने वाली प्रभातफेरी के तहत 21 दिसंबर को कार्यक्रम में आंशिक बदलाव किया गया है। हरि शरण महाराज के मुखारविंद से प्रार्थना सभा सुबह 5 बजे से होगी। प्रार्थना के बाद प्रभातफेरी भक्त प्रह्लाद पार्क संख्या 3 से ही शुरू की जाएगी। विभिन्न मार्गों से होती हुई पुन: कथास्थल पहुंचेगी। प्रभातफेरी का समय सुबह 6.45 बजे से महाराज की सुविधानुसार रहेगा।