उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष सिराज मेंहदी ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा

Congress state vice president Siraj Mehndi resigned Congress
Uttar Pradesh unit vice president Siraj Mehndi also resigns from Congress

जौनपुर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष पूर्व एमएलसी हाजी सिराज मेंहदी ने सभी पदों से अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया।

मेंहदी ने अपने इस्तीफे में कहा कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में किसी भी शिया समुदाय के व्यक्ति को कमेटी में नहीं लिया गया है। यही हाल कांग्रेस की राष्ट्रीय कमेटी का है, वहां भी शिया समुदाय का एक भी व्यक्ति कमेटी की कार्यकारिणी में नहीं है जबकि भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र में मुख्तार अब्बास नकवी को मंत्री तथा गैरुल हसन रिजवी को अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन बनाया है, तो वहीं उत्तर प्रदेश में मोहसिन रजा को मंत्री एवं बुक्कल नवाब को एमएलसी बनाया है। यह सभी शिया समुदाय से हैं।

उन्होंने अपने पत्र में कहा कि लोकसभा चुनाव में लखनऊ में आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े थे उन्हें 184000 वोट मिले जिसमें शियो ने ललकार के उन्हें वोट दिया। अब शिया समुदाय सवाल कर रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने शियो को क्या दिया मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए मेरे इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तथा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्यता से अपना इस्तीफा भेज रहा हूं। इसे स्वीकार करके मुझे मुक्ति दें।

उन्होंने कहा कि मैं एक कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी के हित के लिए कार्य करता रहूंगा। वैसे भी पार्टी ने तय किया है कि 50 वर्ष से ऊपर के लोगों की कोई जगह पार्टी में नहीं है। मैं अपने समाज के लिए कुछ खास करना चाहता हूं वैसे मैं प्रियंका गांधी वाड्रा को इस पत्र के माध्यम से बताना चाहता हूं कि देश को आजाद 50 वर्ष से ऊपर उम्र के नेताओं एवं युवाओं ने साथ मिलकर कराया था और अंग्रेजों के क्रूर हुकूमत को देश से भगा दिया था उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए।

मेंहदी ने कहा कि वैसे भी सदैव कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होता था फिर बाद में कमेटी के गठन में कांग्रेस कमेटी के प्रभारी की सलाह मशवरा तथा वरिष्ठ कांग्रेसजनों की राय ली जाती थी, लेकिन इस बार नया प्रयोग किया गया है । अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ कमेटी भी थोप दी गई, जिसमें अन्य पार्टियों से आये लोगों को प्राथमिकता दी गई है। पार्टी के लोगों की उपेक्षा की गई है, इससे पहले भी मेरे साथ पार्टी ने नाइंसाफी की है। वर्ष 2006 में मुझे एमएलसी का टिकट देकर काट दिया गया था। उसमें ऊंचाहार गेस्ट हाउस में मैं आपसे मिला था तब आपने कहा था कि मुझे कहीं अच्छी जगह आप समायोजित कराएंगे लेकिन वादा वादा ही रह गया। अब उम्र सीमा बांधने के बाद कोई गुंजाइश बची ही नहीं है। उत्तर प्रदेश में जात-पात का बोलबाला 1979 से है हमारे नेताओं ने कमेटी में इस बिंदु पर विचार ही नहीं किया जबकि वर्तमान समय में इसकी अति आवश्यकता है।