सिरोही:दो आंदोलनों के साये में आज होगा भाजपा के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम

सिरोही जिले के पिंडवाड़ा तहसील में लाइम स्टोन की माइंस आवंटन को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन बीच कंपनी का पुतला दहन करते ग्रामीण।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला भाजपा का पिण्डवाडा विधानसभा का आत्मनिर्भर भारत अभियान का सम्मेलन आज अजारी के मार्कुंडेश्वर महादेव मंदिर में होना है। पहले इस पर एक आंदोलन का साया था अब दो आंदोलनों के आक्रोश के बीच इसे होना है।

पिण्डवाडा तहसील में फिलहाल पिण्डवाडा के राजकीय महाविद्यालय को झाडोली में स्थानांतरित करने और पिण्डवाडा की भाखर क्षेत्र की चार पंचायत समितियों के करीब डेढ दर्जन से ज्यादा गांवों में लाइम स्टोन की माइंस आवंटित करने को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दोनों ही आंदोलनों के सोशल मीडिया समूहों में आंदोलनकर्ताओं ने इस सम्मेलन को पिण्डवाडा क्षेत्र के भाजपा नेताओं के जनता के प्रति निष्ठा का सवाल बना दिया है। इसमें हिस्सा लेने और नहीं लेने से ये तय करने का मापदण्ड निर्धारित कर दिया है कि भाजपा कौन स्थानीय नेता जनता के साथ है और कौन विरोध में। यही नहीं इन दोनों ही आंदोलनों के व्हाट्सएप समूहों में इस सम्मेलन के दौरान आयोजन स्थल पहुंच कर अपना पक्ष रखकर आपत्ति जताने की चर्चा जारों पर है। यूं लाइमस्टोन माइनिंग के लिए आंदोलनरत संघर्ष समिति ने तो वहां जाकर शातिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की तैयारी कर ली है।

-पहले हुआ था स्थगित

ये सम्मेलन दीवाली के पहले प्रस्तावित था लेकिन, इसके आयोजन स्थल को लेकर विवाद हो गया था। पिण्डवाडा के भाखर क्षेत्र की भारजा, वाटेरा, भीमाणा ग्राम पंचायतों के करीब बीस गांवों में लाइम स्टोन की माइन के आवंटन को लेकर चल रहे आंदोलन का साया इस पर पड गया। इन लोगों का आरोप था कि इस लीज आवंटन के विरोध प्रदर्शन में पिण्डवाडा के प्रधान और जिला भाजपा के कोषाध्यक्ष नितिन बंसल की संवेदना तक नहीं जताई, ऐसे में उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले भवन में बैठक का आयोजन करना लोगों की भावना का मजाक उडाने जैसा है। उस समय आयोजन स्थल के बाहर प्रदर्शन करने और यहां तक कि काले झंडे दिखाने की भी बात होने लगी थी। इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष ने इस सम्मेलन को स्थगित करने में भलाई समझी।

पिण्डवाडा महाविद्यालय को लेकर ये विवाद

पिण्डवाडा में करीब चार साल पहले राजकीय महाविद्यालय स्वीकृत हुआ था। पहले इसके लिए पिण्डवाडा नगर पालिका की सीमा पर स्थित जनापुरा में भवन निर्माण किया जाना था। फिर इसी वर्ष एकाएकये निर्णय किया गया कि महाविद्यालय भवन का निर्माण पिण्डवाडा शहर से करीब दो किलोमीटर दूर झाडोली ग्राम पंचायत में करवाया जाएगा। भवन निर्माण के लिए दानदाता के द्वारा सहमति भी आ गई। लेकिन, महाविद्यालय भवन को जनापुरा से झाडोली ले जाने का विरोध होने लगा। इसके लिए धरना भी जारी है। ये काम भी भाजपा शासन में ही हुआ ऐसे में इसे लेकर भाजपा के नेतृत्व के प्रति यहां के लोगों में नाराजगी है। नया कार्यक्रम स्थल पिण्डवाडा के बिल्कुल निकट है ऐसे में इस आंदोलन का साया भी यहां पर पडने के आसार हैं।

-जिला संगठन की भूमिका से नाराज

दोनों ही आंदोलन जनता से जुडे हुए हैं। पिण्डवाडा विधानसभा और पंचायत समिति भाजपा का गढ बन चुकी है। ऐसे में यहां के लोग भाजपा शासन में हुए निर्णयों से आहत हैं। इन लोगों के वोटों के दम पर ही जिला परिषद व पंचायत समिति में ये लोग सत्ता में हैं। ऐसे में इनकी अपेक्षाएं भाजपा से ही हैं। लाइम स्टोन माइनिंग को लेकर सिरोही के लगभग सभी जनप्रतिनिधियों ने आंदोलनकर्ताओं की मांग का समर्थन किया है।

महाविद्यालय भवन के मामले में नेताओं में उहापोह की स्थिति रही। लेकिन, दोनों ही मामलों में आंदोलनकर्ता भाजपा के जिला संगठन की भूमिका से सख्त नाराज हैं। इनका आरोप है कि भाजपा जिलाध्यक्ष का इन मामालों मे मौन संदिग्ध है। इस मौन की संदिग्धता भाजपा जिला मंत्री पवन राठौड का बयान और बढा देता है जो जनता के बीच में ये आरोप लगाते हुए नजर आए कि लाइमस्टोन माइनिंग के मामले में लोगों को चुप करवाने के लिए 500 करोड रुपये आए हैं। अब आंदोलनकर्ता भाजपा के जिला मंत्री पवन राठौड से इस कथित पांच सौ करोड में बंदरबांट करने वाले नेताओं के नाम उजागर करने की भी मांग करने लगे हैं।