सिरोही स्थापना दिवस:वो दिखा जो सिरोही ने कभी नहीं देखा

सिरोही में माउंट आबू के सीआरपीएफ सेंटर और आरएएफ की तरफ से लगाई गई हथियाराें की प्रदर्शनी।

सबगुरु न्यूज- सिरोही। सिरोही के 599 वा स्थापना दिवस समारोह का आगाज शुक्रवार को शाम करीब 7:00 बजे चौधरी लाइन स्थित शीशा जी मंदिर पर पूजा के साथ शुरू हुआ। शहर के प्रमुख चौराहों दीपों से सजाया गया।

तो शाम को नेहरू पवेलियन में रंगारंग कार्यक्रम हुआ इस सब के बीच जिस चीज में सबसे ज्यादा आकर्षित किया वो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल माउंट आबू और आरएएफ के हथियारों की प्रदर्शनी। ये प्रर्दशनी कल भी जारी रहेगी। इस प्रदर्शनी को फिर वही के लोगों ने जिस तरह से हाथों हाथ लिया बच्चों और बड़ों के बीच में जिस तरह का आकर्षण देखा गया। वह शायद पहले कभी सिरोही के लोगों ने देखा नहीं था इस नवाचार के लिए निसंदेह प्रशासन धन्यवाद का पात्र है।
इस बार सिरोही अपना दूसरा स्थापना दिवस मना रहा है और इस स्थापना दिवस की शुरुआत हर साल की तरह ईशा जी मंदिर पर पूजा अर्चना के साथ हुई। लेकिन, जो नवाचार इस बार किया गया, उसमें सबसे प्रमुखता अहिंसा सर्किल और पैलेस रोड के डिवाइडर को दीपमाला। उसे सजाना निसंदेह यह नवाचार शहर को एक नया रूप दे रहा था। बिजली की लड़ियां की बजाय सड़कों और चौराहों पर सजे दीये, लोगों को आकर्षित कर रहे थे और सिरोही की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे।

सिरोही स्थापना दिवस पर निकली गई शोभायात्रा।

शाम को अरविंद पैवेलियन में रंगारंग आयोजन किया। जिसमें छोटू खान सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र रहा। 7 साल के बच्चे के मंच पर आने का लोग इंतजार करते रहे और जब उसने गाना शुरू किया तो लोगों ने इसे हाथों हाथ उठाया। मंच से नीचे उतरने पर एक सेलिब्रिटी के अंदाज में सिरोही के लोग उसे घेर कर खड़े हो गए और उसके साथ फोटो खिंचवाने के लिए आतुर रहे।

शनिवार सुबह शोभायात्रा निकाली। इस शोभायात्रा में रंग-बिरंगे कपड़ों और परिधानों के साथ में महिलाएं और पुरुष नजर आए।सब के माथे पर साफा थे। राजस्थान और सिरोही को गौरवान्विती को प्रदर्शित कर रहे थे। शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए ये शोभायात्रा फिर अहिंसा सर्किल पर पहुंची। वहां से पवेलियन जाकर संपन्न हुई। पवेलियन में बच्चों के लिए विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गई और इसी दौरान बाहरी घाटा स्थित लव कुश वाटिका में भी छोटे बच्चों की प्रतियोगिताएं चलती रहे।

सिरोही में शीशा जी मंदिर pr पूजा के बाद लौटते विधायक और अधिकारी।

– लगातार लगे रहे जिला कलेक्टर
शोभायात्रा की शुरुआत अहिंसा सर्किल से। जब शोभा यात्रा की शुरुआत हुई तो इसमें सिरोही विधायक संयम लोढ़ा, जिला कलेक्टर डॉ भंवरलाल, एसपी ममता गुप्ता, सीओई टी सुमंगला, एडीएम कालूराम खोड़ , समेत कई अधिकारी नेता और शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात जो थी वह यह कि जिला कलेक्टर डॉ भंवरलाल कड़कड़ाती धूप में अरविंद पवेलियन और लव कुश वाटिका में हो रहे महिलाओं और बच्चों की प्रतियोगिता में लोगों को प्रोत्साहित करते रहे।

अरविंद पवेलियन में उन्होंने मेहंदी प्रतियोगिता और अन्य खेलकूद प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया, तो वहां से सारा कार्यक्रम संपन्न होने के बाद लव कुश वाटिका में जाकर छोटे बच्चों को उत्साहवर्धन किया। इनके साथ सीईओ सुमंगला और एसडीएम पिंडवाड़ा हंसमुख कुमार भी थे।
– सीआरपीएफ और आरएएफ ने दी हथियारों की जानकारी
अरविंद पेवेलियन में माउंट आबू के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल क्षेत्रीय प्रशिक्षण स्थल और रैपिड एक्शन फोर्स के द्वारा हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। शांति काल के अंदर देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए स्थानीय नागरिकों को नुकसान पहुंचाए बिना किस तरह से दंगा नियंत्रण करने के हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है उसके बारे में रैपिड एक्शन फोर्स ने जानकारी दी।

यहां दंगा और उन्माद नियंत्रण के लिए रैपिड एक्शन फोर्स के द्वारा भीड़ पर उपयोग में लिए जाने वाले शेल और मानव जीवन लिए बिना भीड़ को तितर-बितर करने वाली हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इन शेल्स में तेज आवाज करके चेतावनी देने, आंखों में मिर्ची की तरह जलन भरने और इस तरह के कई ग्रेनेड्स शेल्स का प्रदर्शन और उनका उपयोग आरएएफ के जवानों ने किया। वहीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के द्वारा शांति काल के अंदर आतंकिवाद और नक्सलवाद जैसे जानलेवा कार्यों में लगे लोगों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग में लिए जाने वाले हथियारों का इस्तेमाल और उनके काम करने के तरीके को बताया।

इस दौरान पॉइंट 9 एमएम की पिस्टल, स्नाइपर, राइफल एके-47 जैसी रायफलों का प्रदर्शन किया गया। छोटे बच्चों और बड़ों में हर किसी में इसे लेकर जबरदस्त उत्साह उत्साह देखा गया। अरुण पवेलियन में वन विभाग के द्वारा शानदार पेंटिंग की भी प्रर्दशनी लगाई गई। वहीं सिरोही की के रियासत काल में उपयोग में लिए जाने वाले पारंपरिक हथियारों का भी प्रदर्शन किया गया।