राजस्थान में आजादी के बाद छठी गैर कांग्रेसी सरकार बनेगी

जयपुर। राजस्थान में 16वीं विधानसभा के चुनाव में 115 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार का शीघ्र ही गठन होने वाला है और यह प्रदेश में आजादी के बाद छठी गैर कांग्रेसी सरकार होगी।

भाजपा ने राजस्थान में भाजपा विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है और वे भाजपा विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव कराएंगे और इसके बाद उस नेता के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनेगी जो प्रदेश में अब तक हुए सोलह विधानसभा चुनावों में छठी गैर कांग्रेसी सरकार होगी जबकि आजादी के बाद अब तक दस बार कांग्रेस की सरकार रही है।हाल में हुए 16वीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 69 सीटें ही जीत पाई हैं।

राजस्थान में आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में हुए छठीं विधानसभा के चुनाव में पहली बार भारी बहुमत 150 सीट के साथ जनता पार्टी की भैंरो सिंह शेखावत के नेतृत्व में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी। उस समय कांग्रेस केवल 41 सीट ही जीत पाई।

इसके बाद वर्ष 1990 में नौवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने जनता दल के साथ गठबंधन के साथ श्री शेखावत के नेतृत्व में दूसरी बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी। नौवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 85 सीटें जीती जबकि उसके सहयोगी दल जनता दल ने 55 सीटें जीतकर दूसरे और 50 सीट जीतकर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही।

इसके बाद वर्ष 1993 में दसवीं विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने 96 सीटें जीती और निर्दलीयों के सहयोग से भाजपा के शेखावत ने प्रदेश में तीसरी बार गैर कांग्रेसी सरकार बनाई और उन्होंने राज्य में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया। इस चुनाव में कांग्रेस ने 76 सीटें हासिल की जबकि 21 निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीता।

इसके बाद वर्ष 2003 में 12वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 120 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया और वसुंधरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश में चौथी गैर कांग्रेसी सरकार बनी और राजे पहली बार एवं राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। इस चुनाव में कांग्रेस 56 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी।

वर्ष 2013 में 14वीं विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 163 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत मिला और वसुंधरा राजे को दूसरी बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। यह राज्य में पांचवीं गैर कांग्रेसी सरकार थी। इस चुनाव में कांग्रेस अब तक की अपनी सबसे कम 21 सीटों पर ही सिमट गई।

आजादी के बाद वर्ष 1952 में पहली विधानसभा चुनाव से लेकर वर्ष 1972 में हुए पांचवीं विधानसभा चुनाव तक लगातार पांच बार कांग्रेस की सरकार बनी। इसके बाद वर्ष 1980 में सातवीं एवं वर्ष 1985 में आठवीं विधानसभा चुनाव में लगातार दो बार फिर कांग्रेस की सरकार रही। इसके बाद वर्ष 1998 के ग्यारहवीं विधानसभा एवं वर्ष 2008 में 13वीं विधानसभा और वर्ष 2018 में 15वीं विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की सरकार रही और इस दौरान तीन बार अशोक गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि प्रदेश में सर्वाधिक चार बार मुख्यमंत्री रहने का गौरव मोहन लाल सुखाड़िया के नाम हैं जिन्होंने 13 नवंबर 1954 से आठ जुलाई 1971 तक 17 वर्ष राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे।

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